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सचान ने की खुदकुशी: शशांक शेखर सिंह

उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवार कल्याण विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डाक्टर बी. पी. सिंह हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त डिप्टी सीएमओ डॉक्टर वाई. एस. सचान की जिला जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला बताते हुए कहा कि मामले की न्यायिक जांच हो रही है जिसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा.

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उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवार कल्याण विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डाक्टर बी. पी. सिंह हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त डिप्टी सीएमओ डॉक्टर वाई. एस. सचान की जिला जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला बताते हुए कहा कि मामले की न्यायिक जांच हो रही है जिसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा.

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प्रदेश के मंत्रिमण्डलीय सचिव शशांक शेखर सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘डाक्टर सचान के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उनकी मृत्यु अत्यधिक खून बहने की वजह से हुई. साथ ही मृत्यु के एक दिन के अंदर ही पोस्टमार्टम हुआ. प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लगता है.’

उन्होंने बताया, ‘मृतक के शरीर पर कुल नौ चोटें हैं जिनमें आठ चोटें धारदार हथियारों से हुई हैं. इनमें से दो गर्दन पर, दो दाईं कोहनी पर, दो बाईं कोहनी पर, एक दाईं जांच के ऊपरी हिस्से और एक बाईं कलाई पर थी. इसके अलावा गले में फंदे का निशान भी पाया गया.’

सिंह ने बताया कि ऐसा लगता है कि मौत से पहले सचान ने अपनी नसें काटी थीं. मौके पर एक बहुत तेज ब्लेड भी मिला है जिसे कब्जे में ले लिया गया है. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सचान की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है. कानून के मुताबिक न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जांच शुरू कर दी है.

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गौरतलब है कि सीएमओ बी. पी. सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी डाक्टर सचान बुधवार रात जिला जेल के अस्पताल के शौचालय में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे. मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि डाक्टर सचान ने गत 10 जून को हुई पूछताछ में फर्जी बिल और बीजक बनाकर घपला किये जाने की बात कही थी. सचान ने कहा था कि इन घोटालों को लेकर तत्कालीन सीएमओ (परिवार कल्याण) बी. पी. सिंह उनके पीछे पड़े थे.

शंशाक शेखर ने मुख्यमंत्री मायावती के हवाले से कहा, ‘जहां तक इस तरह की घटनाओं को लेकर विरोधी दलों द्वारा बयानबाजी और सरकार पर आरोप लगाने की बात है तो उनका (मुख्यमंत्री का) कहना है कि हर पहलू की गहनता से जांच की जाएगी.’

सिंह ने बताया कि 22 जून को सचान और बी. पी. सिंह हत्याकांड मामले में पकड़े गए तीन अन्य आरोपियों को रिमांड पर लेने की गुजारिश की गई थी जिस पर अदालत में सुनवाई होनी थी. उन्होंने बताया कि बुधवार शाम को जेल महानिरीक्षक वी. के. गुप्ता ने डाक्टर सचान के जिला जेल के अस्पताल के प्रथम तल के बाथरूम में मृत पाए जाने की सूचना दी थी. जेल अधीक्षक और जेल डाक्टर ने बताया कि गिनती के दौरान उनकी मौत का पता लगा.

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सिंह ने बताया कि इस प्रकरण पर प्रथम दृष्ट्या जिम्मेदार जेलर जे. पी. श्रीवास्तव, डिप्टी जेलर सुनील कुमार, प्रधान बंदी रक्षक बाबूराम, बंदी रक्षक अनिल त्रिपाठी और रामनारायण तिवारी को निलम्बित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि गुरुवार रात को सचान के शव का पंचनामा हुआ.

पोस्टमार्टम के लिये पांच डाक्टरों का पैनल गठित कया गया और पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई है. मंत्रिमण्डलीय सचिव ने बताया कि रात को आठ बजे कैदियों की गिनती के वक्त सचान के लापता होने पर उनकी तलाश की गई. उसके बाद उनकी मौत का पता लगा.

सिंह ने बताया कि सचान का विसरा सुरक्षित रख लिया गया है और सरकार ने इस मामले में जो भी कार्रवाई की है वह पूरी तरह पारदर्शी थी. उन्होंने बताया कि लखनऊ के जिलाधिकारी अनिल सागर ने बुधवार रात सचान का शव बरामद किये जाने के बाद उनके परिजनों से सम्पर्क कर पूछा था कि रात में पोस्टमार्टम किया जाए या नहीं. सिंह ने बताया कि परिजन के अनुरोध पर सुबह नौ बजे शव का पोस्टमार्टम किया गया.

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