दुर्गम पहाड़ों के इलाके अरुणाचल प्रदेश में किसी लापता हेलीकॉप्टर को ढूंढना किसी चुनौती से कम नहीं है. जहां मुख्यमंत्री दोरजी खांडू का हेलीकॉप्टर लापता हुआ है, वो जगह करीब 14 हजार फीट ऊंचाई पर है. इलाका पहाड़ी है और ऊपर से मौसम भी खराब है, लिहाजा सेना के सर्च ऑपरेशन में कई दुश्वारियां सामने आ रही हैं.
जैसे-जैसे समय गुजर रहा है, वैसे-वैसे बेचैनी बढ़ती जा रही है. अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू कहां हैं, इसका अबतक कोई सुराग नहीं मिला है.
शनिवार सुबह सीएम के हेलीकॉप्टर ने तवांग से उड़ान भरी. तवांग समुद्र-तल से करीब दस हजार फीट की ऊंचाई पर बसा एक छोटा-सा शहर है. जिस जगह से हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी, उसके आसपास का पूरा इलाका घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा है.
तय कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री को तवांग से सेलापास होते हुए राजधानी इटानगर जाना था. जिस वक्त हेलीकॉप्टर का रेडियो संपर्क टूटा, उस वक्त हेलीकॉप्टर 14 हजार फीट की ऊंचाई पर बसे सेलापास के करीब था. उस वक्त मौसम खराब था और इतनी ऊंचाई पर खराब मौसम में उड़ान भरना खतरे से खाली नहीं.
बेचैनी इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि एएस 350 बी 3 हेलीकॉप्टर सिंगल इंजिन का है और ऐसे मौसम और इलाके के लिए इसे उपयुक्त नहीं माना जाता है.
वहीं इसरो से मिली खबरों के अनुसार पवनहंस के हेलीकॉप्टर में लगे लोकेशन ट्रांसपॉंन्डर से भी इसरो के सैटेलाइट को कोई सिग्नल नहीं मिला. सेलापास के ऊपर से, जहां हेलीकॉप्टर आखिरी बार दिखा, वहां से सैटेलाइट दो बार गुजरा, लेकिन लापता हेलीकॉप्टर का कोई सुराग नहीं मिला.