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आजादी के लिए दूसरी लड़ाई लड़नी होगी: अन्‍ना हजारे

प्रख्यात गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने राजघाट पर अपना एक दिन का अनशन शुरू करने के बाद कहा कि अगर सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने के मुद्दे पर जनता का साथ नहीं दिया तो वह 16 अगस्त से जंतरमंतर पर देश की आजादी की दूसरी लड़ाई शुरू करेंगे.

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समाजसेवी अन्ना हजारे ने राजघाट पर अपना अनशन शाम करीब 6 बजे समाप्‍त कर दिया. बुधवार को आठ घंटे तक चले अनशन के दौरान उन्‍होंने सरकार को चेताने के अलावा लोगों में देशप्रेम की भावना भरने का भी दायित्‍व बखूबी निभाया.

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इससे पहले प्रख्यात गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने राजघाट पर अपना एक दिन का अनशन शुरू करने के बाद कहा कि अगर सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने के मुद्दे पर जनता का साथ नहीं दिया तो वह 16 अगस्त से जंतरमंतर पर देश की आजादी की दूसरी लड़ाई शुरू करेंगे.

हजारे ने बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के खिलाफ रामलीला मैदान पर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में राजघाट पर अनशन किया. अनशन शुरू करने से पहले वह महात्मा गांधी की समाधि पर गए और वहां उन्होंने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की.

दोपहर करीब सवा बारह बजे अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए हजारे ने सीधे सरकार पर निशाना साधा और कहा, ‘अगर सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने के मुद्दे पर जनता का साथ नहीं दिया तो हम 16 अगस्त से जंतरमंतर पर देश की आजादी की दूसरी लड़ाई शुरू करेंगे.’ हजारे ने कहा कि 16 अगस्त से यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक मेरे शरीर में प्राण रहेंगे.

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हजारे ने कहा, ‘हम तब तक लड़ेंगे, जब तक सत्ता पूरी तरह लोगों के हाथ में नहीं होगी. हमें व्यवस्था में बदलाव के लिए आजादी के दूसरे आंदोलन की जरूरत है. जनता ही सांसदों और विधायकों को चुनती है. सरकार को सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए ग्रामसभाओं को ज्यादा से ज्यादा अधिकार देने चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘सरकार और हम अलग नहीं हैं. एक तरह से हम एक ही हैं. सरकार के दिमाग में खुद के आका होने का भाव है. वह खुद को मालिक समझती है जबकि उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र बनने के बाद देश की जनता इस देश की मालिक हो गई है.’

हजारे राजघाट के सामने गांधी दर्शन पर अनशन कर रहे हैं. वह मंच पर अकेले बैठे हैं जबकि उनके साथी कार्यकर्ता शांतिभूषण, किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल और स्वामी अग्निवेश आदि जमीन पर आम जनता के साथ बैठे हैं.

बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर हुई कार्रवाई की निंदा करते हुए हजारे ने कहा, ‘रात को सोते लोगों पर लाठियां चलाना मानवता पर कलंक लगाने और लोकशाही का गला घोंटने जैसी घटना है. इसके विरोध में हम एकत्र हुए हैं. रामलीला मैदान पर सिर्फ गोली ही नहीं चली. बाकी सारा अन्याय और अत्याचार जलियांवाला बाग की घटना की याद दिलाता है.’

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गौरतलब है कि लोकपाल विधेयक मसौदा समिति में शामिल हजारे पर तथा केंद्र के पांच मंत्रियों के बीच गहरे मतभेद उभर चुके हैं. हजारे ने इस बारे में कहा, ‘हम संयुक्त समिति की बैठकें कर रहे हैं. लेकिन सरकार किसी न किसी मुद्दे पर अड़ंगा डाल देती है. अगर सरकार का यही रुख रहा तो हम अप्रैल में हुए आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन करेंगे. हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है.’

हजारे ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘हम पर (प्रशांत भूषण, शांति भूषण, संतोष हेगड़े पर) झूठे आरोप लगाए गए. सरकार ने हमारे साथी कार्यकर्ता केजरीवाल के पीछे कुछ अधिकारियों को भी लगा दिया. सरकार का यह बर्ताव ठीक नहीं है. अगर सरकार को हम पर संदेह है तो वह चोरी छिपे कोशिशें करने के बजाय हमसे आमने सामने बात करे.’

अपने सादगीपूर्ण जीवन के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं एक मंदिर में रहता हूं. मेरे पास महज खाने की एक थाली और बिस्तर है. मेरा कोई बड़ा बैंक बैलेंस नहीं है. मैं अब तक गुंडों से लड़ा हूं और अब भी गुंडों से ही लड़ रहा हूं. मैं अब तक छह मंत्रियों की छुट्टी करा चुका हूं और मेरी कोशिशों के चलते 400 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है.’

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उन्होंने कहा, ‘यह सब बताने के मायने यह हैं कि हिंसा का रास्ता अपनाए बिना ही, यह सब किया जा सकता है. आपको एक बीज बन कर मिट्टी से जुड़ना होगा. तभी आप आंदोलन खड़ा कर पाएंगे.’ इससे पहले, जब केजरीवाल संबोधित कर रहे थे, तब अनशन स्थल पर जमा लोगों ने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरोध में नारे लगाए.

हालांकि नारेबाजी के बीच लोगों को टोकते हुए हजारे ने कहा, ‘हम गांधी की समाधि पर बैठे हैं. हम किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं. कृपया शांति बनाए रखें.’ इस बीच, हजारे के अनशन को समर्थन देने राजघाट पर लोगों के आने का सिलसिला जारी है. कार्यकर्ता पुलिस से अनुरोध कर रहे हैं कि या तो वह सभी कार्यकर्ताओं को अनशन स्थल पर आने दे या हम सभी को गिरफ्तार कर थाने ले जाए.

हजारे के संबोधन के बाद बापू के प्रिय भजन और देशभक्ति के गीत गाए जा रहे हैं. बड़ी तादाद में लोग हाथ में तिरंगा लिए यहां मौजूद हैं. कई लोग बाबा रामदेव की तस्वीर छपी टीशर्ट या कमीज पहने नजर आ रहे हैं. यहां दिन में सर्वधर्म सभा होगी और हजारे के साथी कार्यकर्ता लोकपाल के मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे.

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अनशन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जिम्मे है. चिलचिलाती धूप में हजारे के समर्थन में जुटे लोगों के लिए पानी के कई टैंकर लगाए गए हैं. यहां पर पुलिस की कई पीसीआर वैन और दमकल भी मौजूद हैं.

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