उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि लगभग 2500 करोड़ रुपये की लागत से वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट (जल पुनर्गठन परियोजना) का दूसरा चरण 2013 से शुरू किया जाएगा. यह परियोजना विश्व बैंक पोषित है.
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने विश्व बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद बताया कि यह परियोजना पांच या छह वर्ष में पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है. योजना के कार्यो और जल प्रबंधन में स्थानीय किसानों की भागीदारी सुनिश्चित कराई जाएगी और कृषि सघनीकरण एवं विविधीकरण कार्य भी कराए जाएंगे.
परियोजना के अनुसार बाराबंकी, छत्रपति शाहूजी महाराज नगर, रायबरेली में हैदरगढ़ शाखा नहर प्रणाली, बुंदेलखंड क्षेत्र के ललितपुर में रोहणी, जामनी, सजनम बांध नहर प्रणाली और एटा, इटावा, फिरोजाबाद, कांशीराम नगर, फरुखाबाद, मैनपुरी, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फतेहपुर एवं कौशाम्बी जिलों में लोवर गंगा नहर प्रणाली का पुनरुद्धार व आधुनिकीकरण सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे
उस्मानी ने कहा कि विश्व बैंक पोषित इस परियोजना से प्रदेश के विकास के साथ-साथ किसान भी लाभान्वित हो सकेंगे.