विराट कोहली और गौतम गंभीर ने इंग्लैंड के खिलाफ हाल में एकदिवसीय मैच के दौरान फिरोजशाह कोटला मैदान पर घरेलू खिलाड़ियों की असफलता का मिथक तोड़ा था लेकिन वीरेंद्र सहवाग का इस मैदान पर कभी शतक नहीं जमा पाने का मिथक सोमवार को भी बरकरार रहा.
सहवाग ने 31 जनवरी 2002 को फिरोजशाह कोटला पर पहला मैच खेला था. तब से लेकर वह अपने घरेलू मैदान पर नौ अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं लेकिन केवल दो अर्धशतक जमा पाये हैं.
अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के कारण दुनियाभर के बल्लेबाजों को दहशत में डालने वाले सहवाग ने इन नौ मैच में 29.55 की औसत से केवल 266 रन बनाये हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके नाम पर 15863 रन दर्ज हैं.
नजफगढ़ के तेंदुलकर के नाम से भी जाने जाने वाले सहवाग ने कोटला में तीन टेस्ट मैच की चार पारियों में 36.50 की औसत से 146 रन बनाये हैं जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 74 रन है.
वन-डे में तो इस मैदान पर उनका रिकार्ड और खराब है. उन्होंने यहां जो छह मैच खेले हैं उनकी पांच पारियों में केवल 120 रन बनाये हैं.