दिवंगत शिवसेना नेता बाल ठाकरे की अंतिम यात्रा रविवार सुबह उनके बांद्रा स्थित आवास ‘मातोश्री’ से शुरू हुई. ठाकरे की अंतिम यात्रा को हाल के दिनों की सबसे बड़ी शवयात्राओं में से एक माना जा रहा है जिसमें लाखों की तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया हो. सड़कों के किनारे, फ्लाई-ओवरों पर, ऊंची-ऊंची इमारतों में बनी बालकनियों से लोग ठाकरे के दर्शन और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने को बेताब नजर आ रहे थे.
ठाकरे की अंतिम यात्रा में शामिल लोगों के हुजूम के मद्देनजर ऐसा अनुमान है कि दादर स्थित शिवसेना मुख्यालय ‘सेना भवन’ पहुंचने में यात्रा को दो घंटे से ज्यादा का वक्त लग जाएगा. शिवसेना नेता का पार्थिव शरीर जिस वाहन से ले जाया जा रहा है उसके साथ लाखों की तादाद में शिवसैनिक चल रहे हैं. पार्टी कार्यकर्ता ठाकरे की याद में नारे भी लगा रहे हैं.
लोगों को ठाकरे के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते देखा गया. ठाकरे को शनिवार दोपहर बाद 3:30 बजे मृत घोषित किया गया था. वह काफी लंबे समय से बीमार थे.
राज्य के विभिन्न हिस्सों से बड़ी तादाद में शिवसैनिक मुंबई पहुंचे हैं. पड़ोसी ठाणे, रायगढ़, पुणे औरंगाबाद और कोंकण क्षेत्र से काफी पार्टी कार्यकर्ता ठाकरे की अंतिम यात्रा में हिस्सा लेने को आए हैं. ठाणे, रायगढ़, पुणे, औरंगाबाद और कोंकण क्षेत्र 19 जून 1966 को स्थापित हुई शिवसेना का गढ़ माना जाता है.
दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए लाखों की तादाद में लोग सुबह से ही इंतजार कर रहे थे. कुछ लोग तो सड़क किनारे लगे खंभों पर चढ़े हुए थे. खबरों के मुताबिक, ठाकरे के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए लोगों का बड़ा हुजूम मुंबई पहुंच रहा है. शिवसेना नेता का अंतिम संस्कार शाम छह बजे शिवाजी पार्क में किया जाएगा. इसके लिए पार्टी ने विशेष अनुमति ली है.
ठाकरे ने अपना पहला भाषण शिवाजी पार्क मैदान में ही दिया था और वह हर साल दशहरा में आयोजित रैली को इसी मैदान से संबोधित करते थे. शिवसेना नेता के पार्थिव शरीर को कुछ देर के लिए शिवसेना मुख्यालय ‘सेना भवन’ में रखा जाएगा ताकि पार्टी के लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें. इस बीच, नवी मुंबई और ठाणे सहित मुंबई के कई इलाकों में बंद जैसी स्थिति है.