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अमेरिका की साख पर आंच का असर, सेंसेक्स 14 महीने के निम्न स्तर पर

अमेरिका की वित्तीय साख घटने का असर सोमवार को वैश्विक वित्तीय बाजार के साथ भारतीय शेयर बाजार भी दिखा और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 316 अंक की गिरावट के साथ 17,000 के स्तर से नीचे आ गया.

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भारतीय शेयर बाजार
भारतीय शेयर बाजार

अमेरिका की वित्तीय साख घटने का असर सोमवार को वैश्विक वित्तीय बाजार के साथ भारतीय शेयर बाजार भी दिखा और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 316 अंक की गिरावट के साथ 17,000 के स्तर से नीचे आ गया.

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बंबई शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 17,000 से नीचे आ कर 14 माह के निम्नतम स्तर पर बंद हुआ. एक समय 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 546 अंक नीचे आ गया था. अंत में इसमें थोड़ा सुधार हुआ तथा यह शुक्रवार की तुलना में 315 अंक की गिरावट के साथ 16,990.18 अंक पर बंद हुआ. इससे पहले, यह स्तर 10 जून 2010 को देखा गया था.

नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी एक समय 5,100 के स्तर से नीचे आ गया था लेकिन अंत में थोड़ा सुधार के साथ 92.75 अंक की गिरावट के साथ 5,118.50 अंक पर बंद हुआ. वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स द्वारा अमेरिका की वित्तीय साख की रेटिंग घटाये जाने के बाद यह पहला कारोबारी दिन था. एजेंसी ने अमेरिका की रेटिंग ‘एएए’ से घटाकर ‘एएप्लस’ कर दिया है.

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30 शेयरों वाले सेंसेक्स में पिछले पांच कारोबारी सत्र में 1,300 अंक से अधिक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है. सोमवार की गिरावट के कारण भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों की हैसियत 1,00,000 करोड़ रुपये नीचे आ गयी. इस प्रकार, पिछले पांच सत्रों में निवेशकों को 5,00,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

यूरो क्षेत्र में ऋण संकट की चिंता के बावजूद यूरोप में अच्छी शुरूआत के साथ निम्न स्तर पर लिवाली से सेंसेक्स में सुधार आया. हालांकि बाद में यूरोपीय बाजार भी नकारात्मक दायरे में आ गया जिससे बाजार में सुधार थम गया.

जिन शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गयी, उनमें इंफोसिस, डीएलएफ, हिंडाल्को, टाटा मोटर्स, टीसीएस, विप्रो तथा टाटा स्टील शामिल हैं. इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, भारतीय स्टेट बैंक तथा कोल इंडिया के शेयर भाव भी नीचे आये, हालांकि इन कंपनियों के शेयरों में शुरूआत में जितनी गिरावट दर्ज की गयी थी, उसमें अंत में थोड़ा सुधार हुआ.

रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1.40 प्रतिशत गिरकर 780.60 पर आ गया जो करीब दो साल का निम्न स्तर है. दूसरी तरफ ओएनजीसी, महिंद्रा तथा महिंद्रा, बजाज आटो तथा एचयूएल के शेयर लाभ में रहे.

शेयर बाजार में 110 शेयरों में गिरावट के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि यह निवेश का बेहतर मौका है. म्युचुअल फंड कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के प्रबंध निदेशक निमेश शाह ने कहा कि निवेशकों को बाजार में सुधार को निवेश मौके के रूप में देखना चाहिए. अमेरिका की रेटिंग घटने का केवल अल्पकालिक असर होगा.

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आईआईएफएल के शोध प्रमुख अमर अंबानी ने कहा कि निवेशकों को इस सप्ताह अमेरिकी केंद्रीय बैंक की होने वाली बैठक तथा चीन के आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘भारत के लिये शुक्रवार को आने वाला औद्योगिक वृद्धि का आंकड़ा महत्वपूर्ण है. इसके अलावा शेष कंपनियों के तिमाही नतीजे तथा सरकार की तरफ से संभावित घोषणा का भी बाजार पर असर होगा.’

हालांकि अंबानी ने चेतावनी दी कि वैश्विक बाजार में कमजोर स्थिति के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की आशंका है. उधर, एशियाई बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिला. चीन, हांगकांग, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया तथा ताइवान जैसे प्रमुख बाजारों में 2.17 प्रतिशत से 3.82 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी. दोपहर के कारोबार में यूरोपीय बाजार भी नकारात्मक दायरे में रहा.

सेंसेक्स में शामिल प्रमुख 30 शेयरों में 24 में गिरावट दर्ज की गयी. जिन शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें डीएलएफ (6.85 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (6.51 प्रतिशत), हिंडाल्को (6.85 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (6.51 प्रतिशत), इंफोसिस (4.73 प्रतिशत), टीसीएस (4.49 प्रतिशत), टाटा स्टील (4.12 प्रतिशत), स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (3.49 प्रतिशत), जिंदल स्टील (3.37 प्रतिशत), एचडीएफसी (2.86 प्रतिशत), विप्रो (954 प्रतिशत), एचडीएफसी बैंक (2.17 प्रतिशत), भारती (1.58 प्रतिशत), आईसीआईसीआई (1.45 प्रतिशत) तथा आरआईएल (1.40 प्रतिशत) शामिल हैं. हालांकि हीरो होंडा (4.03 प्रतिशत), ओएनजीसी (2.35 प्रतिशत), महिंद्रा एंड महिंद्रा (1.68 प्रतिशत) तथा बजाज ऑटो (0.86 प्रतिशत) की तेजी दर्ज की गयी.

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