अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति नाजुक होने की खबर से गुरुवार को विश्व के शेयर को पसीना छूट गया और स्थानीय बाजार भी चौतरफा बिकवाली के दबावा में बैठक गया. प्रतिष्ठित शेयरों के दबाव में बांबे शेयर बाजार का सेंसेक्स 700 अंक से भी अधिक गोता खा कर 26 महीने के निचले स्तर पर आ गया.
30 शेयरों वाला सेंसेक्स 704 अंक या 4.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,361.15 अंक पर बंद हुआ. छह जुलाई, 2009 के बाद की यह सबसे बड़ी गिरावट है. इसी तरह, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 209.60 अंक का गोता खाकर 5,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 4,923.65 अंक पर बंद हुआ.
अमेरिकी सूचकांक डाउ जोन्स 2.49 प्रतिशत और नास्डैक 2.01 प्रतिशत टूटने का वैश्विक बाजारों पर भारी असर पड़ा. अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अमेरिकी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में नरमी की चेतावनी से दुनिया भर के बारारों में चिंता है. फेडरल रिजर्व की प्रोत्साहन योजना भी निवेशकों को नहीं भाई जिससे विदेशी फंडों ने बिकवाली का दबाव बढ़ा दिया.
इधर, विदेशी मुद्रा बाजार में डालर के मुकाबले रुपया टूटकर दो साल के निचले स्तर 49.20 रुपये प्रति डालर पर आ गया. सेंसेक्स में सबसे अधिक भारांश रखने वाली आरआईएल का शेयर 6.16 प्रतिशत तक टूट गया, जबकि इनफोसिस के शेयर भाव में 3.28 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
एशिया के अन्य शेयर बाजारों में हांगकांग का हेंगसेंग 4.85 प्रतिशत, जापान का निक्केई 2.07 प्रतिशत, इंडोनेशिया का सूचकांक 8.88 प्रतिशत टूटकर बंद हुआ. वहीं यूरोप के शेयर बाजार भी गिरावट के साथ खुले जिसमें लंदन का एफटीएसई 4.55 प्रतिशत, पेरिस का सूचकांक 4.65 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा था.
रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 6.16 प्रतिशत, जबकि इनफोसिस का शेयर 3.28 प्रतिशत टूट गया. इन दोनों कंपनियों का सेंसेक्स में 20 प्रतिशत से अधिक भारांश है और इसकी गिरावट में अकेले आरआईएल का योगदान 110 से अधिक अंकों का रहा. ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के सहायक उपाध्यक्ष पराग डाक्टर ने कहा, ‘वैश्विक बाजारों के धराशायी होने की वजह से भारतीय बाजारों में गिरावट आई.
ज्यादातर यूरोपीय बाजार करीब चार प्रतिशत तक लुढ़क गए.’ इस बीच, अमेरिका के दौरे पर गए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भरोसा जताया कि भारत इस साल आठ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने में समर्थ होगा, भले ही वैश्विक आर्थिक माहौल चिंताजनक है. निवेशकों ने खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी को नजरअंदाज किया.
गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 10 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 8.84 प्रतिशत पर आ गई जो इससे पिछले सप्ताह 9.47 प्रतिशत थी. सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में सबसे अधिक झटका जेपी एसोसिएट्स को लगा और इसका शेयर 9.33 प्रतिशत टूट गया.
अन्य शेयरों में डीएलएफ 7.16 प्रतिशत, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज 6.82 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 5.98 प्रतिशत, भारती 5.22 प्रतिशत और जिंदल स्टील 4.90 प्रतिशत टूटकर बंद हुआ. इनके अलावा, टीसीएस 4.59 प्रतिशत, हिंडाल्को 4.52 प्रतिशत, एलएंडटी 4.46 प्रतिशत, एचडीएफसी 4.42 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 4.28 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक 4.20 प्रतिशत, एनटीपीसी 4.14 प्रतिशत और विप्रो 4.14 प्रतिशत टूट गया.