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एकता यात्रा मामले में अलगाववादी ताकतों के सामने केंद्र झुका: मोदी

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को लाल चौक पर राष्ट्रध्वज फहराने की अनुमति नहीं दिए जाने की निंदा करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार अलगाववादी ताकतों के सामने झुक गयी है.

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भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को लाल चौक पर राष्ट्रध्वज फहराने की अनुमति नहीं दिए जाने की निंदा करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार अलगाववादी ताकतों के सामने झुक गयी है.

जन-जननायक कर्पूरी ठाकुर के 88वें जयंती के अवसर पटना में भाजपा के अति पिछडा प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लाल चौक पर राष्ट्रध्वज फहराने की अनुमति नहीं दिए जाने की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अलगाववादी ताकतों के सामने झुक गयी है.

मोदी ने कहा कि कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के यह ऐलान किए जाने कि वे भी लाल चौक की तरफ मार्च करेंगे और भारतीय तिरंगे को नहीं फहरने देंगे.

उन्होंने कहा कि सरकार ने अलगावदी तत्वों को गिरफ्तार करने के बजाए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं अरूण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार को कल गिरफ्तार कर लिया गया और बिहार सहित प्रदेश के अन्य भागों से वहां पहुंचे भाजपा के हजारों कार्यकर्ता जम्मू-कश्मीर में प्रवेश से रोका दिया.

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मोदी ने कहा, ‘‘जनसंघ के संस्थापक एवं अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी 1953 में जम्मू की सीमा में प्रवेश करते वक्त गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया था और जेल में बंदी के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गयी. भाजपा के संस्थापक सदस्य ने कश्मीर के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने का काम किया.’{mospagebreak}
मोदी ने कहा कि उन्हें बडा आश्चर्य लगता है कि कोई व्यक्ति अगर यह कहे कि वह तिरंगा फहराना चाहता है तो उसे ऐसा करने से रोका जाना कितना उचित है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा को श्रीनगर के लाल चौक पर आज झंडा फहराने की आवश्यकता इसलिए पडी क्योंकि वहां भले ही स्टेडियम के भीतर झंडा फहराया जाता हो, लेकिन लाल चौक पर अलगाववादी पाकिस्तान का झंडा फहराते हैं.’ मोदी ने कहा कि इसी कारण भाजपा ने तय किया कि इस देश के अंदर केवल तिरंगा फहरायेगा.

उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष डा मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में एकता यात्रा निकली थी. उस समय तत्कालीन केंद्र की सरकार ने एकता यात्रा को रोका नहीं और जम्मू के अंदर एक लाख लोगों की सभा हुई थी जिसे अटल बिहारी वाजपेयी ने उसे संबोधित किया था.

मोदी ने कहा कि अटल जी के आग्रह पर इतनी बडी संख्या में लोगों का कश्मीर जाना मुश्किल है तो उनमें से 50 चुने हुए लोगों को श्रीनगर के लाल चौक ले जाया गया और झंडा फहराने की व्यवस्था की गयी थी.

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उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 में केंद्र की सरकार के संरक्षण में श्रीनगर के लाल चौक पर झंडा फहराया जा सकता है तो वर्तमान केंद्र सरकार को यह जवाब देना होगा कि आज क्यों नहीं वहां झंडा फहराया जा सकता है और जम्मू पहुंचे लोगों को सभा करने से क्यों रोका गया.{mospagebreak}

मोदी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार यह आग्रह करती कि सारे लोगों को श्रीनगर जाना कठिन है तो भारतीय जनता युवा मोर्चा के अनुराग ठाकुर सहित पार्टी के कुछ चुने हुए लोग लाल चौक पर जाकर अगर झंडा फहराते तो इसमें क्या आपत्ति थी. उन्होंने कहा कि देश में कल 62वां गणतंत्र दिवस है और आजादी के इतने साल बाद भी अगर देश के एक हिस्से में तिरंगे को फहराने पर रोक लगती है तो नेताओं को विचार करना चाहिए कि आखिर कश्मीर के हालात के लिए कौन जिम्मेदार हैं.

भाजपा की उक्त राष्ट्रीय एकता यात्रा को शांतिपूर्ण बताते हुए मोदी ने कहा कि तिरंगा यात्रा कोलकता से निकलकर बिहार, उत्तरप्रदेश और दिल्ली, हरियाणा और पंजाब होते हुए कुल 11 राज्यों से गुजरी पर कहीं कोई तोड-फोड नहीं हुई फिर जम्मू जाने से उसे क्यों रोका गया.

मोदी ने कहा कि अलग-अलग दलों की अपनी-अपनी राय हो सकती है और यह यात्रा राजग की यात्रा नहीं थी, बल्कि यह भाजपा की यात्रा थी.

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उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के तहत प्रत्येक नागरिक को अधिकार है कि वह तिरंगा और राष्ट्रीय गान का सम्मान करे और यदि उन्हें तिरंगे को फहराने से रोका जाता है तो देश की जनता इसे बदार्शत नहीं करेगी.

मोदी ने बिहार की जनता से आह्वान किया कि अपने इस संवैधानिक अधिकार का एहसास कराने के लिए कल गणतंत्र दिवस पर अपने घरों पर तिरंगा जरूर फहराएं और भाजपा के कार्यकर्ता घरों पर झंडा फहराने के साथ सडकों पर तिरंगा के साथ उतरें.

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