काला धन जमा करने के मामले में गिरफ्तार पुणे के व्यापारी हसन अली खान को आज एक बार फिर अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा, जिसने खान को एक दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया और न्याय क्षेत्र के मुद्दे पर मतभेद को लेकर मामले को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया.
प्रवर्तन निदेशालय ने खान को धनशोधन रोकथाम कानून के तहत गिरफ्तार किया था और मंगलवार को न्यायाधीश एमएल टाहिलियानी की अदालत में पेश किया गया.
जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई न्यायाधीश टाहिलियानी ने न्यायक्षेत्र का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मामला किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष लाया जाना चाहिए.
सरकारी अभियोजक एन. पुंडे ने कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून के तहत एक विशेष अदालत को कार्यवाही करने का अधिकार है और इसलिए यह उनके न्यायक्षेत्र में है. बचाव पक्ष के वकील आईपी बागड़िया ने भी इस पर सहमति जताई लेकिन न्यायाधीश ने खान को प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में सौंपने के बाद सुनवाई कल तक के लिए टाल दी.
आज इस मामले में सुनवाई के लिए न्याय क्षेत्र के मुद्दे पर विचार जानेंगे.
इससे पहले 53 वर्षीय व्यापारी ने मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए अपने वकील के माध्यम से आवेदन किया था जिसमें कहा गया कि वह प्रवर्तन निदेशालय के जांचकर्ताओं के समक्ष दिये गये इकबालिया बयान का खंडन करता है.
खान पर स्विट्जरलैंड के यूबीएस बैंक में आठ अरब डालर राशि समेत अनेक विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने का आरोप है. उसे पुणे और मुंबई में उसके आवासों पर छापों के बाद गिरफ्तार किया गया था.