नितिन गडकरी की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. पार्टी के अंदर दबे स्वर में उनका जो विरोध था वो अब खुल कर सामने आने लगा है. सबसे पहले महेश जेठमलानी ने उनका विरोध करते हुए पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. और अब कई दिग्गज नेता खुलकर उनके विरोध में उतर आए हैं.
गडकरी के विरोध में उतरने वाले नए नाम हैं पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी का.
इन दिग्गजों का मानना है कि नितिन गडकरी का पार्टी अध्यक्ष के रूप में बने रहना पार्टी के हित में नहीं है और इसके लिए इन्होंने साथ मिलकर विरोध स्वर बुलंद करने का फैसला किया है.
इन्होंने गडकरी को गद्दी से हटाने के लिए चौतरफा दबाव बनाना शुरू कर दिया है. अब जबकि बड़े नेता भी खुलकर गडकरी के विरोध में उतर आए हैं तो अगले 48 घंटों में कई और नेताओं के खुलकर सामने आने के कयास लगाये जा रहे हैं.
इस विरोधी दल का मानना है कि गडकरी को आरएसएस का वरदहस्त प्राप्त है और अब आरएसएस ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है क्योंकि आरएसएस ने ही उन्हें इस पद के लिए सबसे पहले नामित किया था. अब अगर आरएसएस उन्हें इस पद से हटाने के लिए कहता है तो यह उसकी प्रतिष्ठा के साथ ही पार्टी पर उनके नियंत्रण पर भी एक चोट होगी.
इससे पहले महेश जेठमलानी ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब तक नितिन गडकरी पार्टी के अध्यक्ष हैं तब तक नैतिकता के आधार पर मैं पार्टी में नहीं रह सकता.’
गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व ही अरविंद केजरीवाल ने नितिन गडकरी की कंपनी पर अनियमितता से जुड़े कई आरोप लगाए, इसके बाद से ही उनके खिलाफ पार्टी के अंदर इस्तीफे की मांग तेज हो गई है और अब लोग खुलकर सामने आने लगे हैं.