अन्ना हजारे ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार पर निशाना साधते हुए उनपर भ्रष्ट लोगों को सुरक्षा देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि लोकपाल की व्यवस्था हो जाने पर इन लोगों को भ्रष्टाचार के मामलों का सामना करना होगा.
अन्ना हजारे ने अपने ब्लॉग पर कहा कि भ्रष्ट लोगों की सुरक्षा और समर्थन करना पवार की 'पुरानी आदत' है और उन घटनाओं को याद किया जब भ्रष्टाचार से प्रभावित लोगों को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने आंदोलन का सहारा लिया था.
कुछ दिनों पहले एक व्यक्ति द्वारा पवार को थप्पड़ मारे जाने की घटना के बाद अपने बयान का हवाला देते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने अपने बयान के जरिए 'हिंसा की', हालांकि प्रकृति में यह मौखिक था.
अन्ना हजारे ने कहा, 'भ्रष्ट लोगों को अपने साथ रखने की शरद पवार की एक पुरानी आदत है. पवार को लगे थप्पड़ से राजनीतिज्ञ इतने नाराज हो गए. कई बसों को जला दिया जाता है, राष्ट्रीय सम्पत्ति को क्षति पहुंचाई जाती है और दुकानों को नष्ट कर दिया जाता है लेकिन यह सब किसी को नाराज नहीं करता.'
उन्होंने कहा, 'देश और समाज की भलाई के लिए मैंने पिछले समय में कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है. 'केवल एक थप्पड़?' मैं मानता हूं कि मैंने हिंसा की लेकिन यह समाज की भलाई के लिए था. मैं इस हिंसा को गलत रूप में नहीं लेता.'
अन्ना हजारे ने कहा, 'थप्पड़ मारने की घटना के बाद कई राजनीतिज्ञों ने बहुत बुरा महसूस किया. इनमें से कई नेता काफी नाराज भी हुए. लेकिन उस युवा ने थप्पड़ क्यों मारा, यह चर्चा करना महत्वपूर्ण है.'
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार दिनोंदिन बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. भ्रष्टाचार की वजह से महंगाई बढ़ी है. लोगों को परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. धैर्य की सीमा जब समाप्त हो जाती है तब कुछ लोग कानून हाथ में लेते हैं और ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं.'
उन्होंने कहा, 'उस युवा ने जो कुछ किया वह गलत था-इस पर दो राय नहीं हो सकती और मैंने भी इसकी निंदी की.' अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने हजारों समर्थकों के साथ कई आंदोलन किए लेकिन राष्ट्रीय अथवा निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने की कभी अनुमति नहीं दी.
उन्होंने कहा, 'केवल एक थप्पड़ से कई लोग नाराज हो गए लेकिन ऐसे लोग जिन्होंने समाज और देश के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, ऐसे लोग जब शिकार बनते हैं तो कोई नाराज नहीं होता. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.'
अन्ना हजारे ने कहा, 'मेरा अनुरोध है कि यदि आप मेरे खिलाफ हैं और मेरे पुतले का दहन करना चाहते हैं तो इसे जारी रखिए. आप मेरा अपमान करने के लिए जो चाहें कर सकते हैं लेकिन राष्ट्रीय सम्पत्ति को क्षति मत पहुंचाएं क्योंकि यह हम सबकी सम्पत्ति है. इसकी सुरक्षा करें.'