जदयू के अध्यक्ष शरद यादव ने उत्तर प्रदेश में एक खाप पंचायत की ओर से महिलाओं के खिलाफ तालिबान शैली में फरमान जारी किए जाने की निंदा की और ऐसे असंवैधानिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में शरद यादव ने जातीय पंचायत को 'समाज के चेहरे पर कलंक का टीका' करार दिया. उन्होंने कहा, 'खाप (जाति) पंचायत महिलाओं के बाजार जाने और सेलफोन का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध कैसे लगा सकती है. इसकी निंदा की जानी चाहिए.'
शरद यादव ने कहा, 'सरकार और राजनेता इस मुद्दे को अधिक गंभीरता से नहीं ले रहे हैं क्योंकि उन्हें अपना वोट बैंक टूटने की आशंका है.'
गौरतलब है कि बागपत जिले की असारा पंचायत ने गुरुवार को 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के लिए एक फरमान जारी कर कहा था कि उन्हें अपना सिर ढककर रखना चाहिए, मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना चाहिए और सूर्यास्त के बाद घर से नहीं निकलना चाहिए. खाप पंचायत ने प्रेम विवाह करने वाले दम्पतियों के गांव में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.