भाजपा जैसे राष्ट्रीय राजनीतिक दलों पर कॉरपोरेट जगत के हित साधने वालों का दबदबा बढ़ने से चिंतित पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा है कि उन्हें बजट पर होने वाली चर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में इसलिये हटा दिया गया था क्योंकि इस तरह की आशंका थी कि वह उद्योगपति मुकेश अंबानी को फायदा पहुंचा सकने वाले एक प्रस्ताव का विरोध कर देंगे.
कॉरपोरेट जगत की जनसंपर्क अधिकारी नीरा राडिया की नेताओं और पत्रकारों के साथ हुई बातचीत के टेप का हाल ही में खुलासा होने के संदर्भ में शौरी ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक टेप से यह साफ है कि किसी ने उनके स्थान पर वेंकैया नायडू को वर्ष 2009 में बजट पर संसद में हुई चर्चा में पार्टी का मुख्य वक्ता बनवाने की व्यवस्था की थी.
एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में शौरी ने कहा कि उन्हें हटाने के पीछे का मकसद टेप के जरिये एकदम साफ हो जाता है क्योंकि ऐसा करने वाले लोगों को यह आशंका होगी कि वह एक ऐसे बजट प्रस्ताव का विरोध करेंगे जिससे मुकेश अंबानी को मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा, ‘ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि मैंने एक प्रस्ताव विशेष के बारे में पार्टी की बैठक में प्रतिकूल टिप्पणी थी. मेरे कहने का यह मतलब है कि उन्हें इस बारे में कैसे मालूम चला. उन्हें किसी भी तरह से इस बारे में मालूम चला और निश्चित तौर पर यह उनकी आशंका ही थी. मैं इस बारे में सदन में कुछ कह भी सकता था और नहीं भी.’