बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मंगलवार को शुक्रताल में विभिन्न प्रदेशों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया और मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की.
गुरूकुल संस्कृति महाविद्यालय में यज्ञ हवन के साथ विद्या की जननी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई.
आचार्य इन्द्रपाल ने कहा कि आर्य पर्व पद्धति में इस पर्व को मनाने की पद्धति दी गई है. इसमें कहा गया है कि सभी आर्य युवाओं को नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें.
वे वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार में संलग्न हों तथा विश्व भर में मानवता एवं मानवीय गुणों को प्रसारित करें.
उन्होंने कहा कि मां सरस्वती विद्या और ज्ञान की देवी हैं. गंगा सभी के सचिव प्रेमशंकर मिश्र ने कहा कि इस गुरूकुल के ब्रह्मचारी आचार्य तक की शिक्षा ग्रहण कर भारतीय संस्कृति के प्रसार को आगे बढ़ा रहे हैं.
हनुमद्धाम में मंगलवार होने के कारण लोगों की भारी भीड़ रही.