अमेरिका के परिवहन सुरक्षा प्रशासनिक अधिकारियों ने सिख संगठनों को सूचित किया है कि अमेरिकी हवाई अड्डों पर अब पगड़ी की तलाशी ली जाएगी. इस फैसले से गुस्साए सिखों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी है.
सिख कोलिशऩ, यूनाइटेड सिख और सिख अमेरिकी विधि रक्षा और शिक्षा कोष :सालडेफ: सहित सिख संगठनों से इसका विरोध करने का निर्णय लिया है.
एक मीडिया रिलीज में बताया गया कि अब तक तलाशी प्रक्रिया यह थी कि सिख अपने हाथों से पगड़ी पकड़ते थे जिसकी टीएसए स्कैनर से तलाशी ली जाती थी. प्रक्रिया में बदलाव यह हुआ कि सिखों को अब हरेक बार एक और सुरक्षा जांच से गुजरना होगा.
यह उन सिख यात्रियों पर भी लागू होगा जो स्वेच्छा से नई उन्नत इमेजिंग तकनीक (एआईटी) मशीन से तलाशी कराते हैं.
प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि एआईटी में पूरे शरीर का मशीन से छाया लिया जाता है और आने वाले सालों में यह देश भर के हवाई अड्डों में लगाया जाएगा.
सिख कोलिशन के कार्यक्रम निदेशक अमरदीप सिंह ने कहा, ‘पिछले क्रिसमस को हमें बताया गया कि किसी भी तरह का कपड़ा खतरनाक यंत्रों को छिपा सकता है लेकिन टीएसए पगड़ी पर ही केंद्रित लग रहा है.’ उन्होंने कहा कि जब कोई भी कपड़ा खतरनाक विस्फोटकों को छिपा सकता है तो ऐसे में पगड़ी को निशाने पर लेना असुरक्षित और गैर अमेरिकी है. पगड़ी वाले सिखों की एक और सुरक्षा जांच के लिए मजबूर करना बाकी लोगों को सुरक्षा का एहसास दे सकता है लेकिन वास्तव में यह किसी को सुरखा नहीं देता . यह बदतर सुरक्षा इंतजाम है.
परिवहन सुरक्षा प्राधिकरण का कहना है कि पगड़ी परिधान का हिस्सा नहीं हैं, इसलिए अन्य कपड़ों की तुलना में खतरनाक सामग्रियों को छिपाने में यह ज्यादा सक्षम हो सकता है.
सिख संगठनों के जारी वक्तव्य में बताया गया कि टीएसए का यह भी कहना है कि एसकी नई एआईटी मशीन पगड़ी के अंदर नहीं देख पाती.