scorecardresearch
 

डोपिंग मामले में अकुंजी, 6 अन्य पर प्रतिबंध

एशियाई खेलों की दोहरी स्वर्ण पदक विजेता अश्विनी अकुंजी समेत भारत के शीर्ष सात एथलीटों पर इस साल डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण प्रतिबंध लगा दिया गया जिससे अगले साल लंदन ओलंपिक में खेलने की उनकी उम्मीदें ध्वस्त हो गई.

Advertisement
X

एशियाई खेलों की दोहरी स्वर्ण पदक विजेता अश्विनी अकुंजी समेत भारत के शीर्ष सात एथलीटों पर इस साल डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण प्रतिबंध लगा दिया गया जिससे अगले साल लंदन ओलंपिक में खेलने की उनकी उम्मीदें ध्वस्त हो गई.

Advertisement

इन सात एथलीटों में छह रिले धाविकाएं मनदीप कौर, सिनि जोस, मेरी टियाना थामस, प्रियंका पवार, जौना मुमरु और अकुंजी प्रतिबंधित स्टेरायड के सेवन की दोषी पाई गई थी. इसके अलावा लंबी कूद के हरिकृष्णन मुरलीधरन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी के मुख्यालय पर जब फैसला सुनाया गया तो इनमें से कोई भी मौजूद नहीं था.

6 महिला एथलीटों को जहां एक एक साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है वहीं मुरलीधरन पर दो साल का प्रतिबंध लगाया गया है. ये सभी अब नाडा के अपीली पंचाट में प्रतिबंध के खिलाफ अपील कर सकते हैं. उनके वकील ने हालांकि कहा कि कोई फैसला लेने से पहले वे मौजूदा फैसले की समीक्षा करेंगे.

नाडा पैनल के प्रमुख दिनेश दयाल ने कहा कि सजा इसलिये कम सुनाई गई है क्योंकि खिलाड़ी जान बूझकर प्रतिबंधित दवाओं के सेवन के दोषी नहीं पाये गए. पहली बार आरोपी पाये जाने पर अधिकतम दो साल के प्रतिबंध का प्रावधान है.

Advertisement

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘सभी सात एथलीटों को डोपिंग निरोधक नियमों के प्रावधान 2.1 के तहत डोपिंग का दोषी पाया गया. उनका निलंबन आज से शुरू होता है. इसके अलावा अस्थाई निलंबन के समय को भी इस प्रतिबंध में जोड़ दिया जाएगा.’ पैनल ने फैसला सुनाया है कि नाडा की डोपिंग रोधी नीतियों के तहत प्रतिबंधित पदार्थों की मौजूदगी को लेकर कड़ा नियम है और इसके तहत नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ मिलने पर एथलीट ही जिम्मेदार हैं.

Advertisement
Advertisement