करोड़ों के भविष्य निधि घोटाले में छह आरोपी सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को एक स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी. विशेष सीबीआई न्यायाधीश ए.के. सिंह ने एक लाख रुपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि के निजी मुचलके के आधार पर आरोपियों को जमानत दे दी.
अदालत के बंद कक्ष में पांच घंटे तक मामले में सुनवाई हुई. न्यायाधीश सिंह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व जिला न्यायाधीश आर.एस. चौबे के पक्ष में जारी निर्देशों का पालन किया. न्यायाधीश ने पहले चौबे के वकीलों अजय चौधरी और संजय त्यागी की दलीलों के आधार पर उन्हें जमानत दी.
अदालत ने उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों न्यायमूर्ति आर.पी. यादव, न्यायमूर्ति आर.एन. मिश्रा और न्यायमूर्ति ए.के. सिंह तथा जिला और सत्र न्यायाधीश आर.पी. मिश्रा व अरुण कुमार समेत पांच अन्य को भी जमानत दे दी. मामले में अगली सुनवाई के लिए 31 मार्च की तारीख मुकर्रर की गयी.
सीबीआई ने 2001 से 2008 के बीच गाजियाबाद जिला अदालत में कार्यरत कर्मचारियों की भविष्य निधि से कथित तौर पर धोखे से करोड़ों रुपये की निकासी के मामले में 78 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. सभी छह न्यायाधीशों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468, 471 और 120 बी के तहत मामले दर्ज हैं.