जापान का परमाणु संकट उस वक्त बढ़ गया जब फुकुशीमा स्थित क्षतिग्रस्त परमाणु ऊर्जा संयंत्र में ‘पावर लाइन’ को जोड़ने का अहम कार्य दो रिएक्टरों से धुआं उठने के चलते रोक दिया गया. इन परमाणु संयंत्रों से धुआं उठने पर परमाणु विकिरण के और अधिक रिसाव की आशंका पैदा हो गई है.
टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (तेपको) ने बताया कि रिएक्टर संख्या तीन और चार में ‘पावर केबल’ को जोड़ने का कार्य आज उस वक्त रोक दिया गया, जब रिएक्टर संख्या दो और तीन की इमारतों से धुआं उठता देखा गया. इस संयंत्र के संचालन की जिम्मेदारी तेपको कंपनी की है.
यह बताया गया है कि घटनास्थल का मुआयना करने के बाद मंगलवार को फिर से वहां यह कार्य शुरू किया जाएगा. परमाणु एवं औद्योगिक सुरक्षा एजेंसी के प्रवक्ता हिदेहीको नीशीयामा के हवाले से क्योदो समाचार एजेंसी ने बताया कि धुआं उठने के कारण का पता नहीं चल पाया है और इन रिएक्टरों की बिजली और शीतलन प्रणाली को फिर से शुरू करने में देर होगी.
पिछले हफ्ते जापान का आपातकालीन दौरा करने वाले अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक युकीया अमानो के हवाले से क्योदो समाचार एजेंसी ने बताया कि फुकुशीमा संयंत्र में हालात गंभीर बने हुए हैं.