बीते एक दशक में तीन महादेशों में सांपों की प्रमुख प्रजातियों की आबादी में भारी कमी आयी है. आज प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि इससे इन सरीसृपों की संख्या में वैश्विक स्तर पर कमी आने की आशंका मंडराने लगी है.
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अलग अलग क्षेत्रों में इस कमी के पैटर्न पर नजर रखी गयी . आठ प्रजातियों पर नजर रखने से चौंकाने वाले नतीजे प्राप्त हुए हैं. इनका एक समान कारण जलवायु परिवर्तन माना जा रहा है.
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस कमी में अन्य कारक जैसे आवास स्थान का नष्ट होना, बीमारी, शिकारों में कमी तथा जरूरत से अधिक दोहन, भोजन या उनके व्यापार भी उल्लेखनीय भूमिका निभाते हैं.
1990 के दशक से चार वषरें की अवधि में पाया गया कि ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, नाइजीरिया और आस्ट्रेलिया में 17 में से 11 प्रजातियों के सांपों की आबादियों में कमी आयी है.
अनुसंधानकर्ताओं ने ब्रिटिश रायल सोसाइटी जर्नल बायलोजी लेटर्स को सौंपे रिपोर्ट में कहा है, ‘‘हमारे आंकड़ों से चौंकाने वाले तथ्यों का पता चला है.’