चर्चित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने निचली अदालत के एक आदेश को निरस्त कराने के लिए बुधवार को गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
निचली अदालत ने मामले में पुलिस अधिकारी एन के अमीन के सरकारी गवाह बनने की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाने वाले एक आवेदन पर यह आदेश दिया था. उच्च न्यायालय में सीबीआई के आवेदन पर सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति अकील कुरैशी ने अमीन को और राज्य सरकार को नोटिस जारी किए तथा मामले की सुनवाई नौ सितंबर को नियत कर दी.
अमीन और राज्य सरकार इस मामले में प्रतिवादी हैं. सीबीआई की अदालत ने 26 अगस्त को अमीन की मामले में सरकारी गवाह बनने संबंधी अपील उच्च न्यायालय के पास भेज दी थी ताकि आवेदन की संवैधानिक वैधता का आकलन किया जा सके.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उच्चतम न्यायालय आपराधिक दंड संहिता की धारा 306 की वैधता को मंजूरी दे चुका है जिसके बाद मजिस्ट्रेट द्वारा उच्च न्यायालय के पास अपील भेजा जाना वैध नहीं है.
एजेंसी ने यह भी कहा है कि अगर मजिस्ट्रेट उच्च न्यायालय के पास मामला भेजता है तो उसे वह आधार भी बताना चाहिए, जिसके चलते संवैधानिक वैधता का आकलन किया जाना है. एजेंसी के अनुसार, मजिस्ट्रेट के आदेश में ऐसा नहीं कहा गया है. सीबीआई ने उच्च न्यायालय से मजिस्ट्रेट को, जेल में अमीन की सुरक्षा के मद्देनजर उसकी अपील पर जल्द फैसला करने का आदेश देने के लिए भी कहा.