गिरफ्तारी के लिए सीबीआई को नाकों चने चबवाने वाले गुजरात के पूर्व गृह राज्यमंत्री अमित शाह अब सीबीआई के सवालों का जवाब तक ढंग से नहीं दे रहे. साबरमती जेल के तिलक सेल में बंद शाह ने बुधवार को करीब 4 घंटे तक सीबीआई के सवालों को टरकाने वाले जवाब दिए.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर के बारे में अमित शाह से पूछा कि सोहराबुद्दीन के एनकाउंटर की खबर आपको किस दिन और किस वक्त मिली? क्या सोहराबुद्दीन के एनकाउंटर के बाद गांधीनगर सर्किट हाउस में एटीएस अफसरों से मिले थे? क्या आप केस की तफ्तीश के दौरान सीआईडी के अफसरों से संपर्क में थे? कौन-कौन अधिकारी आपके संपर्क में थे? आपने जांच अधिकारियों को क्या निर्देश दिए थे? कौसर बी के मामले में आपने अफसरों को क्या हिदायत दी थी? सीआईडी जांच की फाइल आपने कुछ समय के लिए अपने पास क्यों रखी थी? आपने सीआईडी इंचार्ज जी सी रैगर को क्यों हटाया?
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई के सवालों की बौछार से बचने के लिए अमित शाह ने रटे-रटाए जवाबों का कवच तैयार कर लिया था. उन्होंने लगभग सारे सवालों के जवाब में दो टूक कहा कि मैं नहीं जानता, मैं घटनास्थल पर मौजूद नहीं था, इसलिए मुझे नहीं पता, घटना 2005 की है, इसलिए अब मुझे कुछ याद नहीं आ रहा.
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि अमित शाह ऐसा अपने वकीलों से राय मशविरे के बाद कर रहे हैं. गौरतलब है कि सीबीआई अमित शाह से पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवा रही है. सीबीआई की परेशानी ये है कि उसे 31 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट में सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले की जांच रिपोर्ट सौंपनी है और अमित शाह जांच में सहयोग नहीं कर रहे लेकिन कहा जा रहा है कि सीबीआई अभी सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट ही सौंपेगी और आखिरी रिपोर्ट के लिए और वक्त मांगने वाली है.