गुजरात उच्च न्यायालय ने वर्ष 2005 के सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले के आरोपी और अरहम फार्म हाउस के मालिक राजेंद्र जीरावाला को सोमवार को जमानत दे दी.
न्यायमूर्ति जेड. के. सैयद ने जीरावाला को जमानत दे दी लेकिन उनके अहमदाबाद और गांधीनगर जिले में प्रवेश करने पर रोक लगा दी. उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया गया और हर महीने सीबीआई के गांधीनगर कार्यालय में हाजिर होने को कहा गया.
सोहराबुद्दीन शेख की फर्जी मुठभेड़ और उसकी पत्नी कौसर बी की कथित हत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने 27 जुलाई को जीरावाला को गिरफ्तार किया था.
जीरावाला अरहम फार्म के मालिक हैं जहां शेख और उसकी पत्नी को उनकी मौत से पहले रखा गया था. जीरावाला ने नवंबर के आखिरी सप्ताह में जमानत याचिका दाखिल की थी.
अदालत ने कहा कि जीरावाला की भूमिका को देखते हुए उन्हें जमानत दी जा सकती है. जीरावाला पर लगे आरोपों पर गौर किया जाये तो वह मुठभेड़ की साजिश में संलिप्त नजर नहीं आते जैसा कि जांच एजेंसी ने अनुमान लगाया था.
जीरावाला ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि वह बेकसूर हैं और फर्जी मुठभेड़ मामले में संलिप्त नहीं हैं. चूंकि वह बेकसूर हैं, लिहाजा उन्हें जेल में नहीं रखा जाना चाहिये और तुरंत रिहा कर दिया जाना चाहिये.
सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वह पूरी साजिश में शामिल है जिसके तहत सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी की हत्या कर दी गयी.