कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रख्यात गांधीवादी एवं समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा उनको लिखे गए पत्र का उत्तर तो दिया है, लेकिन उसमें उठाए गए किसी भी मुद्दे का जवाब नहीं दिया है.
रविवार को जारी किये गये 18 जून को लिखे अपने पत्र में सोनिया ने कहा, ‘‘दिल्ली से बाहर होने की वजह से मैं आपके पत्र का उत्तर नहीं दे पाई. इस बीच, आपने उसे (पत्र को) सार्वजनिक भी कर दिया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस संबंध में जानकारी लूंगी. जहां तक उसमें उठाए गए दूसरे मुद्दों का सवाल है, मैं अपना दृष्टिकोण अपने 19 अप्रैल, 2011 के पत्र में पहले ही स्पष्ट कर चुकी हूं.’’
हजारे ने अपने पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष से कहा था कि कुछ कांग्रेस नेता उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुखौटा बता रहे हैं. यदि उनके पास इन आरोपों को पुष्ट करने के लिए कोई सबूत है तो उसे सामना लाया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने नौ जून को लिखे पत्र में कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी द्वारा उन्हें भाजपा एवं आरएसएस का मुखौटा बताए जाने पर आपत्ति जताते हुए पार्टी को चुनौती दी थी कि यदि उसके पास इस संबंध को साबित करने के लिए कोई सबूत है तो वह इसे सार्वजनिक करें.
अपने तीन पृष्ठों के पत्र में हजारे ने कहा था कि उनको बदनाम करने के लिए कांग्रेस नेताओं और मंत्रियों द्वारा झूठ बोले जाने से वे बेहद आहत हैं.