वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पेटभर पानी पीने के बाद लोग आमतौर पर बेहतर फैसले लेते हैं.
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि पेटभर पानी पीने से मस्तिष्क की आत्म-नियंत्रण प्रक्रिया तत्काल हर क्षेत्र में संयम बरतती है और इस स्थिति में लोग न केवल बेहतर नियंत्रण कर सकते हैं, बल्कि खर्च तथा अन्य बातों के बारे में महत्वपूर्ण फैसले कर सकते हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि नीदरलैंड्स की त्वेन्ते यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने मूत्राशय के नियंत्रण का संपर्क मस्तिष्क के उन भागों से बताया है, जो इच्छाओं और उनके पूरा होने की स्थिति में होने वाली अनुभूतियों को सक्रिय करता है.
‘साइकोलॉजिकल साइंस’ जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि पेशाब करने से संबंधित शब्दों के बारे में सोचने से भी यही प्रभाव होता है.