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स्पेक्ट्रम घोटाला: दागने को तैयार

कांग्रेस ने अपने बचाव की तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा का कहना है कि वह संसद में राजा के आरोपों को दोहराएगी.

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नितिन गडकरी
नितिन गडकरी

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सरकार के सबसे बड़े पदाधिकारी पर ए. राजा ने आरोप मढ़कर विपक्ष को हथियार थमा दिया है. भाजपा 1 अगस्त से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र में इस मुद्दे को उठाएगी.

पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने इंडिया टुडे को बताया कि अब प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के पास छिपने के लिए जगह नहीं बची है. हंसते हुए गडकरी कहते हैं, ''राजा ने इनका बाजा बजा दिया.'' उन्होंने कहा कि भाजपा मनमोहन सिंह और पी. चिदंबरम का इस्तीफा मांगेगी. पार्टी ने सीबीआइ निदेशक से कहा है कि वे 2जी घोटाले में चिदंबरम की भूमिका की जांच करें.

लेकिन कांग्रेस भी अपना बचाव करने के लिए तैयार है. कांग्रेस सांसद संजय निरुपम कहते हैं, ''राजा अभियुक्त हैं. वे हताशा में कुछ भी कह सकते हैं. अदालतें उनकी टिप्पणी पर फैसला करेंगी. अगर किसी मंत्री के गलत काम के लिए प्रधानमंत्री दोषी हैं तो पहले के कई प्रधानमंत्रियों से पूछताछ करनी होगी.''

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भाजपा का कहना है कि वह संसद की कार्यवाही नहीं रोकेगी. इसकी बजाए वह सदन में कांग्रेस को घेरने की योजना बना रही है.

सरकार के सूत्रों के मुताबिक, मुद्दा यह नहीं है कि इक्विटी छीनी गई थी या नहीं बल्कि मुद्दा यह है कि राजा ने कुछ लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए किस तरह पहले आओ-पहले पाओ नीति से छेड़खानी की. कांग्रेस के एक महासचिव कहते हैं, ''राजा इस मामले में खामोश हैं.''

दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने मीडिया के सामने सरकार के बचाव का खाका पेश किया. उनका कहना है, ''सीबीआइ के आरोपपत्र में मुद्दा यह है कि क्या ए, बी, या सी को बढ़ावा देने के लिए पहले आओ-पहले पाओ नीति का दुरुपयोग किया गया. इसका इक्विटी खत्म करने से कोई वास्ता नहीं है.'' नीलामी की बजाए पहले आओ-पहले पाओ नीति को तरजीह देने के बारे में सिब्बल कहते हैं कि ''इसके पीछे विचार उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाना था. ऐसी मिसालें हैं जिनमें नीलामी बेतरतीब हो गई. इसके अलावा, हमने राजग की पहले आओ-पहले पाओ नीति का पालन किया.''

कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी कहते हैं, ''जहां तक प्रधानमंत्री और तत्कालीन गृह मंत्री का मामला है तो उनके दोषी होने का कोई सवाल ही नहीं हो सकता क्योंकि उन्होंने किसी नीति में बदलाव नहीं किया. गलत काम के आरोप का मामला राजा और अदालतों के बीच है.'' भाजपा यह दलील मानने को तैयार नहीं है.

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गडकरी कहते हैं, ''प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उन्होंने सारी विश्वसनीयता गंवा दी है.''

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