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जासूसी मामला: सीबीडीटी के पूर्व अध्यक्ष चंद्रा से पूछताछ

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी और उनके सहयोगियों के दफ्तरों में 16 स्थानों पर कोई चिपकाने वाला पदार्थ मिलने के बाद उनके कक्षों की सफाई के लिए निजी जासूसों को काम पर लगाने की भूमिका में आईबी ने सीबीडीटी के पूर्व अध्यक्ष सुधीर चंद्रा से पूछताछ की है.

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वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी और उनके सहयोगियों के दफ्तरों में 16 स्थानों पर कोई चिपकाने वाला पदार्थ मिलने के बाद उनके कक्षों की सफाई के लिए निजी जासूसों को काम पर लगाने की भूमिका में आईबी ने सीबीडीटी के पूर्व अध्यक्ष सुधीर चंद्रा से पूछताछ की है.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आईबी अधिकारियों ने गुरूवार को चंद्रा से पूछा कि वित्त मंत्रालय में जासूसी के मामले में निरीक्षण करने के लिए आईबी को सूचित करने से पहले निजी जासूसों को क्यों बुलाया गया.

इस बारे में जब चंद्रा से संपर्क किया गया तो उन्होंने पूछताछ किये जाने की बात से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जासूसी की घटना के वक्त वह सीबीडीटी के अध्यक्ष नहीं थे और निजी जासूसों को काम पर लगाने में उनकी कोई भूमिका नहीं रही.

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वित्त मंत्रालय में इन विवादास्पद पदार्थों को हटाने का काम करने वाली निजी खुफिया एजेंसी का नाम पता लगाने के लिए भी जांच चल रही है.

सूत्रों ने कहा, ‘यह कोई औपचारिक जांच नहीं है बल्कि जांचकर्ता सावधानी से एजेंसी का नाम पता लगाने और उसके निष्कर्षों को पता करने की कोशिश कर रहे हैं.’ वित्त मंत्री, उनकी सलाहकार ओमिता पाल, उनके निजी सचिव मनोज पंत के दफ्तरों व दो कांफ्रेंस कक्षों में 16 स्थानों पर चिपकाने वाला पदार्थ मिलने के बाद मुखर्जी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर अपने दफ्तर में ‘सुरक्षा के गंभीर उल्लंघन’ के मामले में ‘गोपनीय जांच’ का आदेश देने की मांग की थी.

प्रधानमंत्री ने आईबी से पड़ताल करने के लिए कहा, उससे पहले निजी एजेंसियों को मंत्रालय के चैंबरों में सफाई के काम में लगा दिया गया.

मुखर्जी ने पिछले हफ्ते कहा था कि जांच के दौरान आईबी को कुछ नहीं मिला है.

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