तिलकरत्ने दिलशान के शतक और कप्तान महेला जयवर्धने के साथ उनकी शतकीय साझेदारी से श्रीलंका ने त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट श्रृंखला के बेस्ट आफ थ्री फाइनल्स के दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया पर आठ की आसान जीत के साथ 1-1 से बराबरी हासिल कर ली.
दिलशान ने 119 गेंद पर 10 चौकों की मदद से 106 रन की पारी खेलने के अलावा जयवर्धने (80) के साथ पहले विकेट के लिए 179 और कुमार संगकारा (नाबाद 51) के साथ 55 रन की साझेदारी की जिससे श्रीलंका ने 34 गेंद शेष रहते दो विकेट गंवाकर ऑस्ट्रेलिया के 272 रन के लक्ष्य को हासिल कर लिया.
कप्तान माइकल क्लार्क (117) और सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर (100) की शतकीय पारियां भी ऑस्ट्रेलिया के काम नहीं आई जिसकी मदद से मेजबान टीम ने छह विकेट पर 271 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया था लेकिन जयवर्धने और दिलशान ने इसे बौना साबित कर दिया.
ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिस्बेन में पहला फाइनल 15 रन से जीता था. अब तीसरा और निर्णायक फाइनल आठ मार्च को इसी मैदान पर खेला जाएगा जिसका विजेता टूर्नामेंट का सिरमौर बनेगा.
लक्ष्य का पीछा करने उतरे श्रीलंका को कप्तान जयवर्धने और दिलशान ने तूफानी शुरूआत दिलाई. दिलशान ने ब्रेट ली पर चौका जड़कर खाता खोला और फिर जेम्स पेटिनसन के ओवर में भी दो चौके जड़े. जयवर्धने ने भी पेटिनसन पर लगातार दो चौके जड़कर अपने तेवर दिखाए. दोनों ने 10 ओवर में टीम का स्कोर 74 रन तक पहुंचाया.
दिलशान ने डेविड हसी की गेंद पर एक रन के साथ 56 गेंद में पांच चौकों की मदद से अर्धशतक पूरा किया जबकि जयवर्धने ने सिर्फ 50 गेंद में यह उपलब्धि हासिल की.
जयवर्धने ने 22वें ओवर में डेनियल क्रिस्टियन की गेंद पर डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर पारी का पहला छक्का जड़ा और इसी ओवर में टीम का स्कोर 150 रन तक पहुंचाया. जयवर्धने हालांकि जब अपने 16वें वनडे शतक की ओर बढ़ रहे थे तब पेटिनसन ने उन्हें पगबाधा आउट कर ऑस्ट्रेलिया को पहली सफलता दिलाई. उन्होंने अपनी पारी में 76 गेंद का सामना करते हुए आठ चौके और एक छक्का जड़ा.
श्रीलंकाई कप्तान हालांकि आउट होने से पहले अपनी टीम की जीत लगभग सुनिश्चित कर चुके थे. दिलशान ने इसके बाद संगकारा के साथ मिलकर टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचाया. दिलशान ने इस बीच जेवियर डोहर्टी की गेंद पर दो रन के साथ 110 गेंद में अपने कैरियर का 12वां वनडे शतक भी पूरा किया.
दिलशान शतक पूरा करने के बाद ली की गेंद पर माइक हसी को कैच थमा बैठे. श्रीलंका को इस समय जीत के लिए 11.4 ओवर में 38 रन की दरकार थी जो रन उसने आसानी से जुटा लिए. संगकारा ने शेन वाटसन की गेंद पर डीप मिडविकेट पर चौका जड़कर टीम का स्कोर 274 रन पर पहुंचाकर उसे जीत दिलाई और अपना 69वां अर्धशतक भी पूरा किया. दिनेश चांदीमल 17 रन बनाकर नाबाद रहे.
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया को क्लार्क और वार्नर ने विषम परिस्थितियों से उबारा. इन दोनों ने उस समय तीसरे विकेट के लिए 184 रन जोड़े जब टीम 16वें ओवर में 56 रन पर दो विकेट गंवाकर संकट में थी.
लगभग एक साल बाद वनडे शतक लगाने वाले क्लार्क ने 91 गेंद की अपनी पारी में पांच चौके और चार छक्के जड़े जबकि ग्रोइन की चोट से उबरने वाले वार्नर ने 140 गेंद का सामना करते हुए चार चौके और एक छक्का मारा. वार्नर ने पहले फाइनल में 163 रन बनाए थे. वह लगातार दो वनडे मैचों में शतक जड़ने वाले आठवें ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बन गये हैं.
टास जीतकर बल्लेबाजी करने उतरे ऑस्ट्रेलिया की शुरूआत खराब रही. श्रीलंका ने आफ स्पिनर दिलशान से गेंदबाजी की शुरूआत कराई जिन्होंने पांचवें ओवर में सलामी बल्लेबाज मैथ्यू वेड (14) को बोल्ड कर दिया. वाटसन ने धीमी शुरूआत की और 16वें ओवर में रन आउट होने से पहले 34 गेंद पर 15 रन बनाए.
क्लार्क और वार्नर ने यहीं से ऑस्ट्रेलिया की पारी को संवारा. इन दोनों बल्लेबाजों ने शुरू में संयम से बल्लेबाजी की और लय में आने पर आकषर्क शाट लगाए. ऑस्ट्रेलिया ने अंतिम सात ओवर में 62 रन जोड़ते हुए स्कोर 250 रन के पार पहुंचाया.
क्लार्क ने पारी के 44वें ओवर में महारूफ को निशाना बनाया और उनकी लगातार गेंदों पर छक्का, चौका, छक्का और फिर चौका लगाकर 23 रन बटोरे. क्लार्क ने अगले ओवर में नुवान कुलशेखरा की गेंद पर एक रन के साथ 81 गेंद में अपना शतक पूरा किया. वार्नर ने भी अगले ओवर में लसिथ मलिंगा की गेंद पर एक रन के साथ 138 गेंद में 100 रन का आंकड़ा छुआ.
वार्नर हालांकि शतक पूरा करने के बाद मलिंगा के उसी ओवर में डीप में दिलशान को कैच देकर पवेलियन लौट गए.
श्रीलंका का क्षेत्ररक्षण भी काफी लचर रहा और उसने कम से कम पांच कैच छोड़े. क्लार्क को भी श्रीलंका के क्षेत्ररक्षकों ने 65 और 77 रन के स्कोर पर जीवनदान दिया.
श्रीलंका की ओर से लसिथ मलिंगा ने 40 रन देकर तीन जबकि तिलकरत्ने दिलशान ने 41 रन देकर एक विकेट चटकाया.