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श्रीलंका: राष्‍ट्रपति पद के चुनाव में राजपक्षे विजयी

श्रीलंका में सैन्य कार्रवाई में लिट्टे के सफाए के बाद आयोजित राष्ट्रपति पद के चुनाव में राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने अपने प्रतिद्वन्द्वी पूर्व सेना प्रमुख सरत फोन्सेका को परास्त कर दिया, जबकि फोन्सेका ने चुनावी घोटाले का आरोप लगाते हुए चुनावी नतीजे को मानने से इनकार कर दिया.

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श्रीलंका में सैन्य कार्रवाई में लिट्टे के सफाए के बाद आयोजित राष्ट्रपति पद के चुनाव में राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने अपने प्रतिद्वन्द्वी पूर्व सेना प्रमुख सरत फोन्सेका को परास्त कर दिया, जबकि फोन्सेका ने चुनावी घोटाले का आरोप लगाते हुए चुनावी नतीजे को मानने से इनकार कर दिया.

इसी बीच, एक अत्यंत नाटकीय घटनाक्रम में भारी हथियारों से लैस सैनिकों ने झील के किनारे एक लग्जरी होटल की घेरेबंदी कर दी, जहां संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में अपनी चुनावी किस्मत आजमाने वाले 59 वर्षीय फोन्सेका टिके हैं. फोन्सेका ने अपनी सुरक्षा के खतरे के मद्देनजर एक ‘‘पड़ोसी देश’’ से सुरक्षा मांगी है. उन्होंने जिस पड़ोसी देश से सुरक्षा का आग्रह किया है, वह संभवत: भारत है.

उधर सरकार ने इन कयासों को खारिज कर कदया है कि फोन्सेका के खिलाफ वैमन्स्य में कोई कार्रवाई की जा रही है. उल्लेखनीय है कि लिट्टे के खिलाफ सफल सैन्य कार्रवाई में राष्ट्रीय नायकों के रूप में उभरे राजपक्षे और फोन्सेका के बीच मतभेद हो गया. इसके बाद दोनों ने अपना रास्ता अलग कर लिया. दोनों ही तमिल विद्रोही संगठन लिट्टे के सफाए का श्रेय खुद लेने की कोशिश कर रहे है.

लिट्टे विरोधी अभियान के बाद चुनावी अभियान कड़वाहट भरा रहा, जहां दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ आग उगली. श्रीलंकाई चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में राजपक्षे को विजेता घोषित करते हुए कहा है कि उन्हें लगभग 58 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी सरथ फोन्सेका को 40 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं.

चुनाव आयुक्त दयानंद दिशानायके ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 64 वर्षीय राजपक्षे को 60,15,934 (57.88 फीसदी) वोट मिले हैं, जबकि पूर्व सेना प्रमुख फोन्सेका को 41,73,185 (40.15 फीसदी) वोट मिले हैं. इस चुनाव में 20 अन्य उम्मीदवार भी अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे थे.

इससे पहले सरकारी टेलीविजन चैनल रूपवाहिनी ने बताया, ‘‘यह राष्ट्रपति के लिए एक शानदार जीत है.’’ संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार फोन्सेका ने चुनावी नतीजे को खारिज करते हुए कहा कि वह इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. पूर्व सेना प्रमुख ने अपनी जान को भी खतरे का अंदेशा जताया और कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें संक्षिप्त काल के लिए देश छोड़कर जाना भी पड़ सकता है.

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