ओड़िशा में करोड़ों रुपये के खनन घोटाले में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाते हुए सोमवार को केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना ने उनके इस्तीफे की मांग की है.
बीजेडी ने मानी खनन घोटाले में शामिल होने की बात
ओड़िशा के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि कथित अवैध खनन के लिए 27 खनन कंपनियों पर 58,000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाकर बीजेडी नीत सरकार ने खनिजों की बड़ी लूट में स्वयं के शामिल होने की बात मानी है.
सांख्यिकी तथा कार्यक्रम क्रियान्वयन और रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री जेना ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'जिन खनिकों पर 58,000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है, मुख्यमंत्री की उनसे मिलीभगत थी. अगर मुख्यमंत्री घोटाले में शामिल नहीं होते तो यह गड़बड़ी नहीं होती.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर पटनायक सरकार ने उपयुक्त कदम उठाया होता तो राज्य की आर्थिक स्थिति दयनीय नहीं होती. राज्य में 84 लाख परिवार में से 60 लाख परिवार गरीबी रेखा के नीचे रह रहे हैं.
घोटालों का पर्दाफाश करने में कांग्रेस की असफलता
जेना ने राज्य में हो रहे घोटालों का पर्दाफाश करने में अपनी पार्टी की असफलता को भी माना है. उन्होंने कहा, 'हमें पहले ही यह करना चाहिये था. हमें लागों के बीच जागरुकता लानी चाहिये, हम अपनी गलती मानते हैं.'
उन्होंने सभी खनन पट्टों को निरस्त किये जाने और उन्हें राज्य सरकार के ओड़ीशा खनन निगम को सौंपे जाने का पक्ष लिया. मामले में जब प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के रिश्तेदार के कथित तौर पर लिप्त होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'कानून अपना काम करेगा, हमें इसमें कुछ नहीं कहना.'