2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले की जेपीसी से जांच कराने के संबंध में सरकार और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध थमता नहीं दिखा रहा है, जहां पूरा शीतकालीन सत्र इसकी भेंट चढ़ गया वहीं इसकी छाया आगामी बजट सत्र पर भी पड़ सकती है.
ऐसे संकेत आज जद यू अध्यक्ष शरद यादव ने दिये हैं. यह पूछे जाने पर कि अगर सरकार विपक्ष की जेपीसी की मांग नहीं मानती है तो विपक्ष की रणनीति क्या होगी, उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार और संसद साथ साथ नहीं चल सकते हैं.’
इस मुद्दे पर गतिरोध जारी रहने पर देश में मध्यावधि चुनाव की संभावना के बारे में पूछे जाने पर शरद यादव ने कहा, ‘यह सब अफवाह कांग्रेस की ओर से फैलायी जा रही है.’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी शुक्रवार को 2-जी स्पेक्ट्रम मामले की जेपीसी से जांच के मामले पर गतिरोध बजट सत्र में भी जारी रहने पर अगले वर्ष लोक सभा के लिए मध्यावधि चुनाव की संभावना को खारिज कर दिया था.
गुरूवार को संप्रग के एक प्रमुख घटक के वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बजट सत्र के दौरान गतिरोध जारी रहने पर मध्यावधि चुनाव की संभावना जतायी थी.
बहरहाल, जद यू अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्षी दलों के बीच अधिक एकता बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं ताकि 22 दिसंबर की रैली में अधिक से अधिक संख्या में राजनीतिक दलों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके.
इधर, विपक्ष के सूत्रों ने बताया कि ऐसे किसी आयोजन या रैली में वामदल, भाजपा के साथ खड़े नजर आने को इच्छुक नहीं है और यह रैली केवल राजग का आयोजन रह सकता है.
माकपा और भाकपा इस विषय पर हैदराबाद में 14 और 15 दिसंबर को अपनी रणनीति तय करेंगे.