पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण बिहार के नालंदा जिले के राजगीर को और आकर्षक बनाने के लिए राज्य सरकार ने हिरण सफारी बनाने की योजना बनाई है.
सरकार राजगीर में चिड़ियाघर की स्थापना का निर्णय पहले ही कर चुकी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के राजगीर में बनने वाला हिरण सफारी न केवल राज्य का पहला हिरण सफारी होगा, बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी यह महत्वपूर्ण होगा.
सरकार का मानना है कि वर्तमान समय में राजगीर के वेणुग्राम में बड़ी संख्या में हिरणों की निवासस्थली है. इसके अलावा राजगीर के आसपास के पहाड़ों और जंगलों में भी हिरण बहुतायत संख्या में पाए जाते हैं.
गौरतलब है कि राजगीर की पंच पहाड़ियों विपुलगिरी, रत्नागिरी, उदयगिरी, सोनगिरी और वैभारगिरी न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण हैं बल्कि इस क्षेत्र में कई कुंड भी हैं. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार विभाग के गेस्ट हाउस से पीछे वन विहार की भूमि का चयन इसके लिए किया गया है, लेकिन इस क्षेत्र को और अधिक फैलाने तथा इस क्षेत्र को हिरण के आरण्य के रूप में विकसित करने के लिए अभी से काम प्रारम्भ हो चुका है.
राज्य के पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिंटू ने बताया, 'हिरण सफारी के लिए वन विभाग और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को अनुमति के लिए पत्र लिखा गया है. अनुमति मिलने के बाद इस क्षेत्र में हिरण सफारी का कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा.' उन्होंने बताया कि सफारी को विकसित करने के लिए अन्य स्थानों से भी अच्छी एवं अलग-अलग प्रजाति के हिरणों को मंगाया जाएगा.
हिरण सफारी की सैर करने आने वाले पर्यटकों के लिए टूर पैकेज देने के साथ ही इसके भ्रमण के लिए उपयुक्त वाहनों की भी व्यवस्था की जाएगी. सरकार का मानना है कि राजगीर में बड़ी संख्या में देश और विदेश के पर्यटक आते हैं. यदि यहां हिरण सफारी और चिड़ियाघर बने तो न केवल वन्य प्राणियों का बचाव होगा बल्कि पर्यटकों को आकर्षक पर्यटन स्थल भी उपलब्ध होगा.
पर्यटन मंत्री ने बताया, 'राजगीर के नजदीक घोड़ाकटोरा को प्रदूषणमुक्त पर्यटनस्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है, किसी तरह के मोटरवाहनों को इस क्षेत्र में जाने पर पाबंदी लगा दी गई है.'
राजगीर में गाइड का काम कर रहे महेन्द्र ने बताया, 'आज यहां पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है. यहां पश्चिम बंगाल, राजस्थान, झारखण्ड, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के पर्यटक आते हैं.' उन्होंने बताया कि राजगीर में श्रीलंका, थाइलैंड, कोरिया, जापान, चीन, वर्मा, भूटान आदि देशों के पर्यटक भी यहां बौद्ध स्थल घूमने आते हैं. यहां सुविधाएं बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा.