छात्रों के खिलाफ जारी हिंसा, कानूनी बदलाव और वैश्विक वित्तीय संकट के कारण आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों के दाखिले में लगभग 50 फीसद की कमी आयी है.
वर्ष 2008-09 में 65,503 भारतीय पासपोर्ट धारकों को आस्ट्रेलियाई छात्र वीजा उपलब्ध कराया गया था लेकिन 2009-10 में संख्या घटकर 29,721 रह गयी. कुल मिलाकर वर्ष 2009-10 में 50,540 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आस्ट्रेलिया में अध्ययन के लिये वीजा दिया गया.
समाचार पत्र ‘द एज’ की आज की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक छात्र वीजा में पिछले वित्त वर्ष में उसके पूर्व वर्ष के मुकाबले 16 फीसद से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी. रिपोर्ट में यह कहा गया है कि छात्रों की सुरक्षा मुद्दों के कारण भी दाखिले में कमी दर्ज की गयी है.
इंटरनेशनल एजुकेशन एशोसेएिशन आफ आस्ट्रेलिया स्टीफन कोनेली ने कहा कि दाखिले में कमी आश्चर्यजनक नहीं बल्कि दुखद है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बीच हमने साख पैदा की थी और हमने उसे खत्म कर दिया. वस्तुत: हमने अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मारी है.
उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्षी दलों ने संघीय चुनाव प्रचार के दौरान छात्रों के बीच गलत संदेश दिया. छात्रों के बीच आस्ट्रेलियाई साख में सुधार के लिये शुरू करना होगा.