शेयर बाजारों में उठा-पटक और अनिश्चितता के बीच निवेशक अपनी निवेश परिसंपत्ति फेट रहे हैं और शेयर की जगह सोने को अधिक वरीयता देने लगे हैं. उल्लेखनीय है कि सोना के आयात में चालू वित्त वर्ष के दौरान भारी बढ़ोतरी हुई है.
अक्टूबर में सोना आयात उछल कर 7.2 अरब डालर के स्तर पर पहुंच गया जबकि हर महीने औसतन चार से पांच अरब डालर के सोने का आयात होता है. इससे सरकार भी हैरान है.
वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने कहा, ‘सोना और चांदी मुझे हैरान कर रहे हैं. अक्टूबर में सोने का भारी मात्रा में आयात हुआ. यह पूरी तरह से निवेश परिसंपत्ति में अदलाबली से उत्पन्न स्थिति है.’ चालू वित्त वर्ष के सात महीने (अप्रैल से अक्टूबर-2011) की अवधि के दौरान हुआ कुल स्वर्ण आयात भी 64 फीसद बढ़कर 38.3 अरब डालर के बराबर हो गया.
घरेलू खपत के अलावा भारत आभूषणों का विनिर्माण कर उनके निर्यात के लिए भी सोना आयात करता है.
रत्न एवं जेवरात निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष राजीव जैन ने कहा, ‘पिछले साल से बढ़ती कीमत के कारण सोना निवेशकों की पसंद बन रहा है.’ अप्रैल से अक्टूबर के बीच सोने की कीमत में 28 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. वहीं शेयर की कीमत इस अवधि में नौ फीसद गिरा है.
जैन ने कहा कि इस बार दीवाली पर जेवरात के मुकाबले सोने बट्टियों की ज्यादा खरीदारी हुई. उन्होंने कहा, ‘सोने में निवेश बढ़ेगा. लोग बाजार से पैसा निकाल कर सोने में निवेश कर रहे हैं.