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कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने किया कांग्रेस का बचाव

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश के युवकों को पार्टी से जोड़ने की मुहिम पर निकले राहुल गांधी को आरक्षण, महंगाई और भ्रष्टाचार के साथ ही अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि पर सवालों का सामना करना पड़ा.

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उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश के युवकों एवं छात्रों से सीधा संवाद स्थापित कर उन्हें पार्टी से जोड़ने की मुहिम पर निकले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को आरक्षण, महंगाई और भ्रष्टाचार के साथ ही अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि तक नवाबों के शहर के सैंकड़ो छात्रों के सवालों का सामना किया.

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कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी पार्टी की छात्र इकाई ‘राष्ट्रीय छात्र परिषद’ के ‘तलाश’ (नेतृत्व की तलाश) कार्यक्रम के तहत छात्रों से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए अपने प्रदेशव्यापी दौरे के दूसरे दिन आज चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने स्थित ‘रवीन्द्रालय’ सभागार में राजधानी के विभिन्न महाविद्यालयों से आये छात्रों के साथ बातचीत की और उनके सवालों के जवाब दिये.

राहुल के साथ ‘संवाद सत्र’ में भाग लेकर बाहर निकले छात्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने छात्रों से राजनीति की मुख्यधारा में जुड़ने की अपील की और साथ ही यह नसीहत भी दी, ‘राजनीति को कैरियर की तरह नहीं बल्कि देश के लिए त्याग की भावना से लिया जाना चाहिए। इसलिए जब राजनीति को कैरियर के रुप में लेते है तो उद्देश्य पैसा कमाना होता है, जिससे कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है.’

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छात्रों ने बताया कि जब राहुल से यह पूछा गया, ‘इंदिरा जी के राज में तो कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार और महंगाई पर आसानी से नियंत्रण पा लेती थी, लेकिन आज ऐसा क्यों नहीं कर पा रही.’ इस पर उन्होंने कहा, ‘तब एक पार्टी की सरकार थी, जबकि आज गठबंधन की सरकार है और गठबंधन की अपनी कुछ मजबूरियां होती हैं.’

{mospagebreak} पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों में हो रही बढोत्तरी के बारे में सवाल होने पर राहुल ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतें अन्तरराष्ट्रीय बाजार में तय होती है. इसके बावजूद यूपीए सरकार की हर संभव कोशिश रहती है कि कीमते बढ़ने ना पाये.

संवाद सत्र में शामिल रहे छात्रों ने बताया कि जब राहुल से पूछा गया कि यदि वे देश के अग्रणी राजनीतिक घराने से न होते तो आज कहां होते और क्या कर रहे होते, इस पर उन्होंने कहा, ‘तब मैं शायद राजनीति की इस ऊंचाई पर न होता.’

छात्रों ने बताया कि संवाद सत्र में कांग्रेस महासचिव से उच्च शिक्षा में भी अनुसूचित जातियों-जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गो के छात्रों को आरक्षण देने के औचित्य के बारे में सवाल पूछे गये.

उन्होंने बताया कि आरक्षण के बारे में आये सवालों पर राहुल गांधी ने सभागार में उपस्थित सामान्य वर्ग के छात्रों को अपने हाथ उठाने को कहा और बहुमत से भी कहीं बहुत अधिक संख्या में उठे हुए हाथों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यहां छात्रों की उपस्थिति से ही साफ है कि अनुसूचित जातियों-जनजातियों तथा पिछड़े वर्गो को आरक्षण का अधिकार क्यों है.

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राहुल ने साथ ही यह भी कहा कि सरकार शिक्षण संस्थानों में सीटों की संख्या बढाकर यह सुनिश्चित करने में लगी है कि आरक्षण के कारण सामान्य वर्गो के छात्रों के हितों एवं उनके शिक्षा के अधिकार का हनन न होने पाये.

{mospagebreak} छात्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की दशा पर सवाल होने पर राहुल ने जवाब में सवाल किया कि आखिर वहां की सरकार किसकी है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अच्छी शिक्षा के लिए बहुत सी योजनाएं शुरू की है. मगर जिन राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारें है, वहां कांग्रेस के हाथ में ज्यादा कुछ कर पाने की गुंजाइश नहीं है.

कांग्रेसी नेता ने यह भी कहा कि केवल आबादी के लिहाज से चीन के साथ भारत की तुलना नहीं होनी चाहिए, क्योंकि मानवाधिकार एवं बोलने तथा शिक्षा के अधिकार जैसे अनेक क्षेत्रों में भारत की स्थिति चीन से कहीं बेहतर है.

उन्होंने यह भी कहा कि छात्र परिषद ने देश के युवकों को चुनावी प्रक्रिया के जरिये राजनीति की सीढ़ियां चढ़ने का खुला मौका दिया है और इसीलिए पहले से चली आ रही पदाधिकारियों के मनोनयन की प्रक्रिया को समाप्त करके चुनावी प्रक्रिया का अनुसरण किया जा रहा है.

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वाराणसी और इलाहाबाद में छात्रों के साथ इसी तरह का संवाद स्थापित करने के बाद राहुल राजधानी पहुंचे. राहुल झांसी और आगरा में भी छात्रों के साथ इसी तरह के संवाद सत्रों का आयोजन करने वाले है.

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