सरकार ने आज स्पष्ट किया कि जिन 44 डीम्ड विश्वविद्यालयों की मान्यता समाप्त करने से संबंधित कार्यबल की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया है उन संस्थाओं के किसी भी छात्र को इससे प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा और उन्हें विश्वविद्यालय की डिग्री मिलेगी."/> सरकार ने आज स्पष्ट किया कि जिन 44 डीम्ड विश्वविद्यालयों की मान्यता समाप्त करने से संबंधित कार्यबल की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया है उन संस्थाओं के किसी भी छात्र को इससे प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा और उन्हें विश्वविद्यालय की डिग्री मिलेगी."/> सरकार ने आज स्पष्ट किया कि जिन 44 डीम्ड विश्वविद्यालयों की मान्यता समाप्त करने से संबंधित कार्यबल की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया है उन संस्थाओं के किसी भी छात्र को इससे प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा और उन्हें विश्वविद्यालय की डिग्री मिलेगी."/>
सरकार ने आज स्पष्ट किया कि जिन 44 डीम्ड विश्वविद्यालयों की मान्यता समाप्त करने से संबंधित कार्यबल की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया है उन संस्थाओं के किसी भी छात्र को इससे प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा और उन्हें विश्वविद्यालय की डिग्री मिलेगी.
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने आज कहा ‘‘ यह मामला उच्चतम न्यायालय के अधीन है. डीम्ड विश्वविद्याल के संबंध में कई तरह की शिकायतों के मद्देनजर जून 2009 में प्रो. पी के टंडन के नेतृत्व में एक कार्यबल का गठन किया गया था. समिति ने अपनी सिफारिशें पेश की हैं . हमने कार्यबल की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और इसे उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है.’’ उन्होंने कहा ‘‘ अब यह विषय न्यायालय को तय करना है.’’
सामाजिक मुद्दों पर संपादकों के 10वें सम्मेलन से इतर एक प्रश्न के उत्तर में सिब्बल ने कहा ‘‘सरकार का इरादा यह बिल्कुल नहीं है कि इसके कारण कोई भी छात्र प्रभावित हो. इसके दायरे में आने वाले सभी छात्रों को ‘डिग्री मिलेगी. उनके हितों की रक्षा की जायेगी.’’ केंद्र ने कल उच्चतम न्यायालय में पेश हलफनामे में कहा कि उसने देश के उन 44 डीम्ड विश्वविद्यालयों की मान्यता समाप्त करने से संबंधित एक कार्यबल की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है जिन पर आरोप है कि वह शैक्षिक संस्थाओं की बजाय पारिवारिक जागीर के रूप में काम कर रहे हैं.
सिब्बल ने कहा कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही कुछ समय पहले रिपोर्ट प्राप्त हो जाने के बावजूद इसे सार्वजनिक नहीं किया था. उन्होंने कहा ‘‘कार्यबल की रिपोर्ट के आधार पर हमने अदालत के समक्ष यह स्पष्ट कर दिया कि इन छात्रों के हितों की रक्षा के लिए क्या कार्ययोजना है.’’ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डीम्ड विश्वविद्यालय मूल रूप से कालेज रहे हैं जिन्हें ‘डीम्ड’ का दर्जा प्रदान किया गया था, अब इनका डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा वापस लेने के बाद भी ये कालेज तो बने ही रहेंगे.
उन्होंने कहा कि इस स्थिति में ये :जिनका डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा वापस लिया जायेगा: किसी अन्य विश्वविद्यालय से समबद्धता प्राप्त कर डिग्री प्रदान कर सकते हैं.’’ बहरहाल, सिब्बल ने मामला न्यायालय के अधीन होने के कारण इस पर विशेष कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. हालांकि उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि आने वाले समय में डीम्ड विश्वविद्याल की अवधारणा समाप्त हो जायेगी.
इससे पहले कल केंद्र ने अपने एक शपथपत्र में कहा था कि 13 राज्यों में स्थित इन विश्वविद्यालयों के कालेजों में पढ़ने वाले करीब दो लाख विद्यार्थियों के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाने के लिए उन्हें मूल विश्वविद्यालयों से मान्यता प्राप्त कालेजों में फिर से पढ़ने जाने की अनुमति होगी .