बहुचर्चित नीतिश कटारा अपहरण एवं हत्या मामले में तीसरे अभियुक्त गैंगस्टर सुखदेव पहलवान को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जे आर आर्यन ने यह सजा सुनायी.
इसके पहले छह जुलाई को उन्होंने उसे मामले में दोषी ठहराया था. उस पर कटारा के अपहरण एवं उसकी हत्या में राज्यसभा के पूर्व सदस्य डीपी यादव के पु़त्र विकास यादव और भतीजे विशाल यादव की मदद करने का आरोप था. विकास की बहन भारती यादव के साथ कथित मित्रता के कारण कटारा की 2002 में हत्या कर दी गयी थी.
मामले में विकास और विशाल को पहले ही सश्रम उम्रकैद की सजा सुनायी जा चुकी है. पहलवान पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. पहलवान की सुनवाई विकास और विशाल के साथ नहीं की गयी थी. वह जमानत के बाद फरार हो गया था और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. 2005 में उसे गिरफ्तार किया गया और उसके बाद उसकी सुनवाई शुरू हुई.
अदालत ने कहा कि हत्या के दौरान पहलवान विकास और विशाल के साथ ही था. अभियोजन के अनुसार कटारा का गाजियाबाद में एक शादी समारोह से अपहरण कर लिया गया था और 16 फरवरी 2002 को उसकी हत्या कर दी गयी थी. पहलवान अपहरण के बाद यादव भाइयों के साथ उनकी कार में मौजूद था. पहलवान के खिलाफ अप्रैल 2006 में हत्या, अपहरण एवं सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया था. विकास और विशाल को भारती तथा नीतिश की मित्रता मंजूर नहीं थी.