रामलीला मैदान से योगगुरु बाबा रामदेव और उनके समर्थकों को जबर्दस्ती बाहर कर देने की कार्रवाई पर आज स्वत: संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने इस घटना के बारे में केंद्र से जवाब देने को कहा है.
न्यायमूर्ति बी. एस चौहान और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अवकाश पीठ ने आज केंद्रीय गृह सचिव, दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली प्रशासन और दिल्ली पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी करते हुए उनसे दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.
न्यायालय ने उनसे पूछा है कि ऐसी क्या परिस्थितियां थीं, जिनमें लोगों को आधी रात को बल प्रयोग से हटाना पड़ा. मामले की अगली सुनवाई न्यायालय जुलाई के दूसरे सप्ताह में करेगा.
हालांकि न्यायालय ने इस मुद्दे पर वकील अजय अग्रवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया. पीठ ने इस बात पर नाखुशी जाहिर की कि मामला सुनवाई के लिए उनके सामने आता, उसके पहले ही याचिका की सभी बातें मीडिया के पास थीं.
शनिवार की रात पुलिस ने रामलीला मैदान में, काले धन के मुद्दे को लेकर अनशन कर रहे बाबा रामदेव और उनके हजारों समर्थकों के आंदोलन को जबर्दस्ती खत्म करवा दिया था.