सुप्रीम कोर्ट ने देश की बदहाल सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर फिर तीखी टिप्पणी की है और सरकार से जवाब तलब किया है.
एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि दो भारत कैसे हो सकता है. एक तरफ आप आर्थिक महाशक्ति होने का दावा करते हो दूसरी तरफ लोग भूखों मर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की खिंचाई करते हुए टिप्पणी की कि एक तो आप ये दावा करते हैं कि बंपर फसल हुई है, गोदाम भरे हुए हैं, दूसरी तरफ लोगों के पास खाने को अनाज नहीं, देश में आज भी लोग भूखों मरते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने योजना आयोग की भी जमकर खिंचाई की. कहा- ये कैसे तय हुआ कि देश में 36 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं. जबकि 1991 की जनगणना पर आप भरोसा नहीं करते.
सुप्रीम कोर्ट ने शहरी गरीबों के लिए 20 रुपए और ग्रामीण गरीबों के लिए 11 रुपए तय करने पर भी योजना आयोग की जबरदस्त खिंचाई की और कहा कि इतनी रकम से किसी का क्या हो सकता है.