राष्ट्रमंडल खेलों का ठेका देने में धोखाधड़ी, साजिश और भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किए गए राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के बर्खास्त प्रमुख सुरेश कलमाडी को पूछताछ के लिए दिल्ली की एक अदालत ने आठ दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया.
गिरफ्तार किए गए आयोजन समिति के दो अन्य अधिकारियों उपमहानिदेशक (खरीद) सुरजीत लाल और संयुक्त महानिदेशक (खेल) ए एस वी प्रसाद को विशेष सीबीआई न्यायाधीश तलवंत सिंह ने चार मई तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया.
सीबीआई ने सोमवार को कलमाडी, लाल और प्रसाद को खेलों के लिए टाइमिंग-स्कोरिंग-रिजल्ट (टीएसआर) प्रणाली का ठेका अवैध तरीके से स्विस फर्म को देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इससे सरकारी खजाने को 95 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
एजेंसी ने 66 वर्षीय कलमाडी और उनके सहयोगियों को 14 दिन के लिए हिरासत में देने की मांग की थी. एजेंसी ने कहा था कि घोटाले के बारे में उनसे जानकारी हासिल करने के लिए पूछताछ किए जाने की जरूरत है.
हालांकि, न्यायाधीश ने कलमाडी और दो अन्य आरोपियों को पूछताछ के लिए आठ दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा.
एजेंसी ने कहा था कि कलमाडी और उनके सहयोगी जांच अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं और सवालों का जवाब देने में टालने वाला रवैया अपना रहे हैं.
सीबीआई ने आरोप लगाया कि अब तक आरोपी का रवैया टालने वाला और असहयोग भरा रहा है और वे स्विस टाइमिंग को गलत तरीके से टाइमिंग-स्कोरिंग-रिजल्ट (टीएसआर) प्रणाली का ठेका देने के लिए की गई आपराधिक साजिश के बारे में सही तथ्यों और परिस्थितियों का खुलासा नहीं कर रहे हैं.
सीबीआई ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति का अध्यक्ष होने के नाते कलमाडी, संयुक्त महानिदेशक (खेल) के तौर पर प्रसाद और उपमहानिदेशक (खरीद) के तौर पर लाल उस अवधि के दौरान आयोजन समिति के मुख्य पदाधिकारियों और महत्वपूर्ण लोगों में शामिल थे.
एजेंसी ने दावा किया कि वे पूर्व नियोजित तरीके से स्विस टाइमिंग को टीएसआर का ठेका देने में गहराई से शामिल थे. इससे सरकार को नुकसान हुआ.
पुणे से कांग्रेस सांसद कलमाडी और दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, धारा 420 और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.