लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने महंगाई के मुद्दे पर यूपीए सरकार की कड़ी आलोचना की है.
सुषमा स्वराज ने लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा में भाग लेते हुए यूपीए सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री महंगाई और गरीबी के मानदंड पर बार-बार बयान बदल रहे हैं.
सुषमा स्वराज ने सरकार को आगाह किया कि सरकार महंगाई के मुद्दे को आंकड़ों में न उलझाए. सुषमा ने सदन में कहा कि योजना आयोग ने कहा कि 32 प्रतिदिन अपने पर खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है. इस तरह तय मानकों के अनुसार गरीबों को मिलने वाली सहायता से उसे वंचित कर दिया गया.
सुषमा ने योजना आयोग के गरीबी के मानक की जमकर आलोचना की. उन्होंने कहा कि आज आम आदमी महंगाई से बुरी तरह त्रस्त है और उसे महंगाई से कोई राहत नहीं मिली है.
इससे पहले सुषमा स्वराज ने 2जी घोटाले में गृहमंत्री पी. चिदंबरम के इस्तीफे की मांग की. सुषमा ने लोकसभा में कहा कि ताजा हालत के मद्देनजर चिदंबरम को अपना पद छोड़ देना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि 2जी घोटाले में चिदंबरम ए. राज के बराबर ही दोषी हैं.