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नक्सली हिंसा रोकें, तो सरकार वार्ता को राजी: चिदंबरम

केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने बुधवार को कहा कि नक्सलियों द्वारा हथियार नहीं डालने और अपनी विचारधारा नहीं छोड़ने के बावजूद उनके हिंसा स्थगित रखने तक सरकार उनसे वार्ता करने को तैयार है.

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पी. चिदम्बरम
पी. चिदम्बरम

केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने बुधवार को कहा कि नक्सलियों द्वारा हथियार नहीं डालने और अपनी विचारधारा नहीं छोड़ने के बावजूद उनके हिंसा स्थगित रखने तक सरकार उनसे वार्ता करने को तैयार है.

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भारत चैम्बर ऑफ कॉमर्स के एक विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए चिदम्बरम ने कहा, 'नक्सलियों से बातचीत की पेशकश अब तक बरकरार है. हमने उनसे सिर्फ हिंसा रोकने को कहा है. हम उनसे हथियार डालने और विचारधारा छोड़ने को नहीं कह रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि भारत ने इससे पहले कभी सुरक्षा सम्बंधी इतनी विविध चुनौतियों का सामना नहीं किया, जैसा इन दिनों कर रहा है. उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद लगातार राष्ट्र के समक्ष चुनौती बना हुआ है. उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों की संख्या के लिहाज से देश को क्षमता निर्माण करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, 'जो क्षमता हम विकसित कर रहे हैं वह किसी भी आतंकवादी हमले को रोक नहीं सकती.' चिदम्बरम ने कहा कि भारतीय पुलिस सेवा के 220 अधिकारी इस साल भर्ती किए जाएंगे. उन्होंने कहा, 'अगले सात वर्ष तक हम इतने ही अधिकारियों की नियुक्ति हर साल करेंगे.'

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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे आतंकवाद के गढ़ों का पड़ोसी होने के कारण देश बहुत असुरक्षित है. उन्होंने कहा कि कोई भी देश आतंकवाद से मुक्त नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमें चौबीसों घंटे सतर्क रहना होगा और हमारे सुरक्षाकर्मियों को चौबीसों घंटे चौकस रहना होगा.'

नक्सली बहुल इलाकों में विकास की जरूरत पर जोर देते हुए चिदम्बरम ने कहा, 'जहां विकास हो सकता है वहां सुरक्षा बलों की मदद के बगैर होना चाहिए. जहां विकास नहीं हो सकता, वहां सुरक्षा बलों को जाकर क्षेत्र का नियंत्रण सम्भालना चाहिए.'

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