यूं तो नरेंद्र मोदी की कई तस्वीरें छपती रहती हैं. लेकिन आज हम जिस तस्वीर की बात कर रहे हैं वो कुछ खास है. एक गुजराती अखबार में मोदी, विवेकानंद की तस्वीर के साथ उन्हीं की वेशभूषा में छपे हैं. ये तस्वीर छपवाई है बीजेपी के ही एक जिलाध्यक्ष ने.
विवेकानंद और नरेंद्र मोदी साथ-साथ. वेश भूषा से लेकर हावभाव तक एक जैसे. ये है मोदी का विवेकावतार. मोदी की नई कोशिश विवेकानंद जैसी दिखने की. पगड़ी हूबहू विवेकानंद की तरह तो नहीं लेकिन वही झलक देने की कोशिश की गई है. हाथ मोड़ कर खड़े होने का स्टाइल भी बिलकुल विवेकानंद जैसा. ये तस्वीरें छपी हैं एक गुजराती अखबार में.
तस्वीर के साथ संदेश भी है. लिखा है 'भगवा रंग की नदी बह रही है जिसके एक छोर पर नरेंद्र यानि विवेकानंद हैं और दूसरे छोर पर नरेंद्र मोदी हैं. आइये हम सब देश प्रेम और देश की उन्नति के लिए समर्पण की धारा में ड़ुबकी लगाएं.
एक धार्मिक इंसान, नरेंद्र ने आम लोगों के ध्यान में रखते हुए आध्यात्म की रोशनी फैलाई और दूसरा राजनेता नरेंद्र ने आम इंसान का खयाल करते हुए विकास की रोशनी फैलाई है. आइये हम भी, भारतीय संस्कृति के इन दो स्तंभों की राह पर चल कर अपनी जिंदगी रोशन करें.
दावा किया जा रहा है कि ये तो बस शुरुआत है. नरेंद्र मोदी ने विवेकानंद के 150 वें जन्मदिवस को पूरे साल मनाने का फैसला किया है.
इस साल के आखिर में राज्य में चुनाव होने हैं. जाहिर है ऐसे में इन तस्वीरों के सियासी मायने तो निकलने ही थे. राज्य में विपक्षी पार्टी कांग्रेस इसे चुनावी स्टंट करार दे रही है.
हालांकि बीजेपी, कांग्रेस के हमलों से बेपरवाह है. शायद पार्टी ये सोच कर निश्चिंत हैं कि उसे मोदी की छवि भुनाने का एक और नायाब तरीका मिल चुका है.