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सुब्रह्मण्यम स्वामी को दिल्‍ली हाईकोर्ट से मिली राहत

जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी को 30 जनवरी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा. दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को स्वामी के एक विवादास्पद लेख से सम्बंधित मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया.

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जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी को 30 जनवरी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा. दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को स्वामी के एक विवादास्पद लेख से सम्बंधित मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया. न्यायालय ने स्वामी को यह निर्देश भी दिया कि वह भविष्य में इस तरह के लेख न लिखें.

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न्यायमूर्ति एम. एल. मेहता ने स्वामी की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील के. टी. एस. तुलसी से कहा, 'हम आपके मुवक्किल से यह आश्वासन चाहते हैं कि वह भविष्य में इस तरह का लेख नहीं लिखेंगे (जिससे विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैले).' न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया और कहा कि वह 30 जनवरी को होने वाली मामले की अगली सुनवाई तक स्वामी के खिलाफ कोई कार्रवाई न करे.

न्यायमूर्ति मेहता ने कहा, 'हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं और हमें अपनी व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए. हम अपने देश की तुलना ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देशों से नहीं कर सकते. हमारे समाज में विविधता है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए.'

इससे पहले स्वामी का बचाव करते हुए उनके वकील तुलसी ने कहा कि स्वामी का लेख वर्ष 2005 में प्रकाशित एक पुस्तक पर आधारित है, लेकिन आज तक कोई भी घटना नहीं हुई. पिछले छह वर्षो में इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. उन्होंने कहा कि स्वामी ने जैसे ही 2जी घोटाले को उजागर किया, पुलिस ने अचानक उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया.

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उन्होंने यह भी कहा कि समाचार पत्र 'डीएनए' ने स्वामी से लेख लिखने के लिए कहा था. दिल्ली पुलिस ने तीन अक्टूबर, 2011 को स्वामी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसके बाद स्वामी ने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी. स्वामी के खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा है.

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