तमिलनाडु सरकार ने प्रदेश में हाथियों के लिए हफ्ते में पांच दिन काम कराने, कम से कम तीन घंटे नहलाने और 60 साल की आयु में आराम देने जैसे नियम बनाये हैं.
राज्य सरकार ने हाथियों की देखभाल के लिए कड़े नियम बनाये हैं, जो पहले कभी हाथियों के लिहाज से इतने फायदेमंद नहीं रहे. राज्य सरकार ने हाल ही में नियमों को अधिसूचित किया है, जिनमें हाथियों की उचित देखभाल का प्रावधान है.
नियमों के अनुसार हाथियों को भीख मांगने या अन्य किसी मसकद से सड़कों व अन्य स्थानों पर घुमाने पर प्रतिबंध है. हाथी के साथ मारपीट, उसके उपर बैठकर चलना, अधिक सामान लादना, परेशान करना आदि सभी को क्रूरता के समान माना जाएगा वहीं उन्हें बांधने के लिए नायलॉन की रस्सी या जंजीरों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और उन्हें अंकुश चुभोया नहीं जाएगा.
गुरुवार को राजपत्र में अधिसूचित नियमों के अनुसार, ‘‘60 साल से अधिक उम्र के स्वस्थ हाथियों को मुख्य वन्यजीव वार्ड की पूर्व अनुमति के साथ पशु चिकित्सक की ओर से उचित प्रमाणपत्र के तहत हल्का-फुल्का काम करने की इजाजत होगी.’’
हाथियों से हफ्ते में केवल पांच दिन काम कराया जाएगा और मॉनसून के मौसम में वे पूरी तरह आराम करेंगे.
साफ-सफाई पर ध्यान देते हुए नियमों में बताया गया है कि हाथियों को कम से कम तीन घंटे तक नहलाने के लिहाज से तालाब में रखना चाहिए. महावत को नारियल के छिलके से उसके शरीर की सफाई करनी चाहिए.
हाथी के बीमार होने पर महावत उसके मालिक को या मंदिर प्राधिकरण को जानकारी देगा जो पशु चिकित्सक से परामर्श लेकर जल्दी उसका इलाज कराएंगे. नियमों में अन्य कई प्रावधान भी हैं.