कर्नाटक द्वारा तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़ने से इनकार किए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे का कानूनी रूप से सामना करेगी. उन्होंने कहा कि हालांकि यह मुद्दा दोनों राज्यों के बीच अच्छे संबंधों में आड़े नहीं आएगा.
द्रमुक कार्यकर्ताओं की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद करुणानिधि ने संवाददाताओं से कहा ‘हम मुद्दे का सामना कानूनी रूप से करेंगे और अपने हिस्से का पानी हासिल करने के लिए लड़ाई जारी रखेंगे. लेकिन मैं मीडिया की खबरों के आधार पर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि इससे संबंधों पर असर पड़ेगा और अनावश्यक मतभेद पैदा होंगे.’
उन्होंने कहा कि उन्हें कर्नाटक के यह कहने की खबरों के बारे में जानकारी नहीं है कि वह (कृष्णराजसागर) बांध के इसकी अधिकतम भंडारण क्षमता 124.7 फुट पहुंच जाने के बाद पानी छोड़ेगा. करुणानिधि ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मामले को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह इससे परिचित हैं और कावेरी विवाद पर उच्चतम न्यायालय में एक मामला लंबित है.
बुधवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद कर्नाटक ने पानी छोड़ने के तमिलनाडु के आग्रह को यह कहकर खारिज कर दिया था कि वर्तमान परिस्थितियों में यह संभव नहीं है.