पश्चिम बंगाल की पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार की टाटा मोटर्स के साथ हुए समझौते को रद्द करते हुए अनिच्छुक किसानों को उनकी जमीन वापस लौटाने के लिए सिंगूर विधेयक का गजट अधिसूचना जारी कर दी गई.
पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित सिंगूर भूमि पुनर्वास एवं विकास विधेयक-2011 को राज्यपाल के नारायण ने अपनी सहमति प्रदान कर दी.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सिंगूर स्थित टाटा मोटर्स के खाली परियोजना स्थल की दीवारों पर जल्द ही अधिसूचना के एक प्रति चस्पा कर दी जाएगी.
इसके साथ ही सिंगूर की 400 एकड़ जमीन किसानों को लौटाई जाएगी. हालांकि टाटा मोटर्स ने इस मामले की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में अर्जी थी.
लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सिंगूर भूमि पुनर्वास एवं विकास कानून, 2011 को चुनौती देने वाली टाटा मोटर्स की एक तरफा याचिका पर सुनवाई करने से ही इनकार कर दिया.
न्यायमूर्ति सौमित्र पाल ने टाटा मोटर्स द्वारा दायर याचिका पर कंपनी के वकील समरादित्य पाल को राज्य सरकार को नोटिस देने का निर्देश दिया और कहा कि मामले को दोपहर 12 बजे देखा जाएगा.
समरादित्य पाल ने कहा कि वह एक तरफा याचिका को आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने कानून के जरिए पूर्व की वाम मोर्चा सरकार और टाटा मोटर्स के बीच सौदे को रद्द कर दिया और परियोजना का विरोध करने वाले किसानों को उनकी जमीन लौटाने का रास्ता साफ किया है.
इस संबंध में विधेयक इसी महीने की 14 तारीख को पारित किया गया.