भ्रष्टाचारियों की पोल खोलने और उन्हें मतदान के जरिये अस्वीकार करने के लिए जन-जागरूकता अभियान चला रही टीम अन्ना ने यूपी विधानसभा चुनाव को जन लोकपाल बिल के लिए सेमीफाइनल करार दिया है. उन्होंने कहा है कि इस बिल के लिए फाइनल दो वर्ष बाद प्रस्तावित लोकसभा चुनाव होगा.
टीम अन्ना के सदस्यों ने गुरुवार को बेनियाबाग में इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) की सभा के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ इसी अंदाज में आवाज बुलंद की और आमजन को नसीहत दी कि वोट उसी को दें, जो सशक्त जनलोकपाल बिल की बात करे. प्रदेश को पिछड़ेपन का शिकार होने से बचाने के लिए भ्रष्टाचारियों को कतई वोट न दें.
अन्ना टीम की कोर कमेटी की प्रमुख सदस्य किरण बेदी ने कहा कि जनता स्वयं यह तय करे कि उसे मजबूत जन लोकपाल बिल चाहिए या फिर देश प्रदेश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली सरकार. जब स्वच्छ और ईमानदार छवि के लोग सदन में नहीं पहुंचेंगे तो फिर सशक्त लोकपाल बिल कैसे तैयार होगा. लिहाजा वोट उसी को दें जो विश्वासपात्र हो.
उन्होंने कहा कि कोई प्रत्याशी पसंद नहीं हो, तो उसके लिए ‘49-ओ फार्म’ भरें. उन्होंने कहा कि जन लोकपाल बिल के लिए यूपी चुनाव सेमीफाइनल है. डेढ़ साल बाद इस बिल का फाइनल चुनाव होगा. इसके लिए जनता अभी से तैयार रहे.
मनीष सिसौदिया ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को भ्रष्टाचार की चिंता नहीं है और उसके पास भ्रष्टाचार का कोई समाधान नहीं है. जो भी सरकार बन रही है, वह भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर दमनात्मक कार्रवाई कर रही है. कांग्रेस के युवराज को इस बात का दुख नहीं कि यूपी लुट रहा है. उन्हें दुख इस बात का है कि यूपी को लूटने वालों में कांग्रेस के नेता क्यों नहीं है.
जन लोकगीत कलाकार कुमार विश्वास ने संसद में लोकतंत्र की गरिमा धूमिल होने पर अफसोस जाहिर किया. उन्होंने कहा कि देश की संसद और विधानसभाओं में गुण्डे माफिया चुनकर आ रहे हैं. इसके लिए जनता जिम्मेदार है. देश में बहुतायत पार्टियां अल्पसंख्यकों की हिमायती बन रही हैं. यदि सही मायने में ऐसा है तो ये पार्टियां किसी अल्पसंख्यक को यूपी का मुख्यमंत्री क्यों नहीं बना देतीं.