कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने जन लोकपाल विधेयक को लेकर आंदोलन चला रहे गांधीवादी अन्ना हजारे और उनकी टीम पर एक बार फिर हमला बोला और कहा कि ‘टीम अन्ना’ को पार्टी नेता राहुल गांधी पर इल्जाम लगाने के बजाय इस मामले पर संसद के निर्णय का इंतजार करना चाहिये.
सिंह ने राहुल के दो दिवसीय लखनऊ दौरे के पहले दिन के घटनाक्रम की जानकारी के लिये संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल पर कहा कि हजारे संसद की स्थायी समिति द्वारा पेश मसविदे के जरिये कमजोर लोकपाल बनाने का इल्जाम राहुल पर लगा रहे हैं. दरअसल हजारे अपने ऐसे साथियों के बहकावे में हैं जिनका अपना-अपना राजनीतिक एजेंडा है.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हजारे बहुत सीधे-सादे आदमी हैं. उनको घेरे बैठे लोग उनसे जो भी कह देते हैं, उसे वह बोल देते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘केन्द्र सरकार अच्छा और मजबूत लोकपाल लाना चाहती है. स्थायी समिति में सभी दलों के सदस्य शामिल थे और उनमें से कई ने मसविदे पर असहमति भी जताई है. उसे पारित करना या नहीं करना संसद का काम है. मैं अन्ना हजारे और उनकी टीम से प्रार्थना करता हूं कि वे संसद के फैसले का इंतजार करें.’
सिंह ने संसद के मौजूदा सत्र में जनलोकपाल विधेयक पारित नहीं होने की स्थिति में देश के विभिन्न राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव तथा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मुखलिफत करने के हजारे के पूर्व में दिये गये बयान सम्बन्धी सवाल पर कहा ‘अन्ना का स्वागत है.’ कांग्रेस नेता ने कहा कि हजारे का आंदोलन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा प्रायोजित है. उन्होंने कहा, ‘मैं पहले ही कह चुका हूं कि जब संघ आतंकवादी गतिविधियों में पकड़ा गया तो उसने ध्यान भटकाने के लिये सुनियोजित ढंग से भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया. उसका प्लान ए बाबा रामदेव थे जबकि प्लान बी अन्ना हजारे और प्लान सी श्री श्री रविशंकर थे.’
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव सम्बन्धी घोषणापत्र में किये गये वादे के अनुरूप पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण देने जा रही है. उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनने पर मुस्लिम आरक्षण लागू किया जाएगा. सिंह ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले आरक्षण से मुसलमानों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा है. इसलिये इस वर्ग के लिये निर्धारित आरक्षण में मुसलमानों को आरक्षण देने की कार्यवाही शुरू की गयी है. वर्ष 2013 में जाति आधारित जनगणना पूरी होने पर उसके आधार पर मुस्लिमों के लिये कोटा तय किया जाएगा.
उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी में भगदड़ मच चुकी है और इस दल के कई नेता उनके सम्पर्क में हैं. समाजवादी पार्टी का भी यही हाल है. सिंह ने कहा कि उत्तरप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिये 403 में से 213 प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है जबकि बाकी सीटों के लिये उम्मीदवारों का एलान इसी माह के आखिर तक करने का प्रयास किया जा रहा है.
प्रदेश के आगामी चुनाव में कांग्रेस को आश्चर्यजनक सफलता मिलने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल ने कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) में शामिल होने का फैसला किया है और प्रदेश में दोनों पार्टियां आपसी तालमेल से चुनाव लड़ेंगी. ऐसी सीटों की सूची जल्द ही जारी कर दी जायेगी.