वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों और कोर कमेटी भंग करने की मांगों के बीच अन्ना हजारे पक्ष ने अपने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के लिए संविधान बनाने का और उसके बाद कोर कमेटी के पुनर्गठन का फैसला किया.
अन्ना हजारे की अध्यक्षता में रालेगण सिद्धि में हुई बैठक में यह फैसला किया गया, जिसमें टीम के प्रमुख सदस्यों अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी ने शिरकत की. इससे एक दिन पहले अन्ना हजारे पक्ष की कोर कमेटी ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बैठक कर कमेटी को भंग करने की अटकलों को खारिज कर दिया था.
केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में अन्ना हजारे के लिखित संदेश को पढ़ा, जिसके मुताबिक हजारे को कोर कमेटी को भंग करने की मांग सही नहीं लगती. हजारे ने लिखा, ‘‘टीम अन्ना बहुत मजबूत है और कोई उसे नहीं तोड़ सकता. कोर कमेटी को भंग करने की अटकलें थीं. मुझे यह सही नहीं लगता. अगर हम कुछ आरोपों के चलते मैदान छोड़ देंगे तो आंदोलन की विश्वसनीयता कम होगी और यह आंदोलन के लिए सही नहीं है. आरोपों को लेकर परेशान नहीं हों.’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोर कमेटी के सदस्य मिलकर चुनौतियों का सामना करेंगे और मुकाबला करेंगे. हमारी लड़ाई जन लोकपाल विधेयक पारित होने तक जारी रहेगी. भविष्य में आंदोलन के लिए एक संविधान बनाया जाएगा. संविधान रचना के बाद कोर कमेटी का पुनर्गठन होगा.’’
16 अक्तूबर से मौनव्रत धारण किये हुए हजारे ने लिखित संदेश में कहा कि हिसार में टीम अन्ना का अभियान केवल यह दिखाने के लिए था कि अगर सरकार जन लोकपाल विधेयक को पारित नहीं करती तो जनता आगामी चुनावों में किस तरह प्रतिक्रिया देगी. उन्होंने कहा कि यदि संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित नहीं होता तो वह अपनी टीम के सदस्यों के साथ देश भर की यात्रा पर निकलेंगे.
सरकार और कांग्रेस में कुछ लोगों पर अपनी टीम और आंदोलन की छवि खराब करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए हजारे ने कहा, ‘‘कुछ लोग हमारी टीम को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन इससे हमारा आंदोलन नहीं रुकेगा.’’ हजारे ने इस बात पर जोर दिया कि टीम में कोई मतभेद नहीं है और वह पहले की तरह एक है और भविष्य में भी रहेगी.
केजरीवाल पर चंदे की राशि अपने ट्रस्ट के खाते में जमा कराने के आरोपों के संदर्भ में हजारे का कहना है कि कुछ लोग जनता को दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं और केजरीवाल का पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन (पीसीआरएफ) शुरू से आंदोलन के सचिवालय की भूमिका निभा रहा है.
उन्होंने कहा कि एक नवंबर को आंदोलन के खातों का विवरण वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा. कश्मीर संबंधी बयान पर विवाद में आये प्रशांत भूषण के संदर्भ में हजारे ने कहा कि कमेटी में कई सदस्य हैं जो अनेक विचारधाराओं में भरोसा रखते हैं.
हजारे ने कहा, ‘‘सदस्यों के अपने सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण हैं और उनमें से कई अनेक मुद्दों पर काम कर रहे हैं. कुछ मुद्दों पर उनकी राय अलग हो सकती है लेकिन किसी सदस्य विशेष के विचारों को अन्ना हजारे पक्ष के विचारों के तौर पर नहीं देखा जा सकता.’’
टीम से बाहर किये गये स्वामी अग्निवेश को पुनर्गठन की स्थिति में फिर से शामिल करने की संभावना के सवाल पर केजरीवाल ने हजारे की भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘इस बारे में बाद में सोचेंगे.’’ केजरीवाल ने कहा कि सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है और वे सभी एक हैं.
आंदोलन को संघ के समर्थन के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल और भूषण ने कहा कि उन्होंने कभी आरएसएस से समर्थन नहीं मांगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमने कभी संघ से किसी को अपने मंच पर नहीं आने दिया लेकिन अगर कोई संघ का कार्यकर्ता रामलीला मैदान आया या किसी ने आंदोलन के समर्थन में धरना दिया तो इसमें क्या गलत है.’’ हजारे और उनकी टीम के खिलाफ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के आरोपों पर टिप्पणी करने से केजरीवाल ने इनकार कर दिया.
जब टीम अन्ना से पूछा गया कि वे उत्तर प्रदेश में बसपा के खिलाफ अभियान क्यों नहीं चला रहे तो उन्होंने कहा कि टीम अन्ना को कांग्रेस से कोई नफरत नहीं है या बसपा अध्यक्ष मायावती से कोई विशेष स्नेह नहीं है और उनका मुख्य मुद्दा जन लोकपाल विधेयक को पारित कराना है.